लखनऊ: लखनऊ यूनिवर्सिटी अब छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ-साथ कमाई करने का भी अवसर दे रही है। यहां बात हो रही ‘कर्मयोगी छात्रवृत्ति योजना’ की जिसका मूल मंत्र ही Earn While You Learn है। इस योजना के तहत चयनित स्टूडेंट्स को रोजाना दो घंटे काम के एवज में 300 रुपए मिलेंगे। छात्रों के लिए इस योजना की अवधी लगभग 50 दिन होगी। बता दें कि ऐसी योजना को इंट्रोड्यूस कराने वाली लखनऊ यूनिवर्सिटी देश की पहली यूनिवर्सिटी है।
योजना को मिला छात्रों का रिस्पांस, 540 विद्यार्थियों के आए आवेदन
डीन ऑफ़ स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर पूनम टंडन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, छात्रों का रिस्पांस इस योजना को मिला है। अबतक कुल 540 विद्यार्थियों के आवेदन आए हैं और उनमे से 71 विद्यार्थियों का चयन कर लिया गया है। उन्होंने बताया है कि जैसे ही छात्र-छात्राओं के लिए कैंपस खुलेगा वैसे ही योजना के तहत चयनित विद्यार्थियों को उनके स्किल और इंटरेस्ट के हिसाब से विभाग/कार्यालय आवंटित कर दिया जाएगा।
स्किल डेवेलप करने का मौका दे रही युनिवेर्सिटी
वहीं प्रो. ने बताया है कि लविवि ने विद्यार्थियों को स्किल डेवेलप करने का मौका दिया है। इसी के तहत कर्मयोगी छात्रवृत्ति योजना में आवेदन मांगे गए जिसमें 540 आवेदन आए। स्क्रीनिंग और मेरिट के आधार पर विद्यार्थियों का इंटरव्यू हुआ विभिन्न संकायों से लगभग 71 विद्यार्थी चयनित किए गए। उन्होंने बताया है कि चयनित हुए विद्यार्थियों में न्यू एवं ओल्ड कैंपस के सभी कोर्सेज के छात्र-छात्राएं शामिल हैं। साथ ही उन्होंने बताया है कि इसमें सेल्फ फाइनेंस/रेगुलर, दोनों के छात्र शामिल किए गए हैं क्योंकि हमारे लिए सभी बच्चे बराबर हैं।
प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि इस योजना के तहत Earn While You Learn के प्रोजेक्ट पर काम किया जायेगा। विवि पेड इंटर्नशिप का मौका देगी और इंटर्नशिप खत्म होने के बाद लाभार्थी को विवि द्वारा सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो भविष्य में उसके लिए लाभदायक साबित होगा।
विद्यार्थियों के पास ग्रूम करने का मौका
डीन ऑफ़ स्टूडेंट वेलफेयर प्रो.पूनम टंडन का कहना है कि इस इंटर्नशिप के दौरान विद्यार्थियों के पास ग्रूम करने का मौका रहेगा। साथ ही वो परिश्रम से भी रूबरू होंगे। विवि के पास भी इससे मैनपॉवर बढ़ेगी क्योंकि विद्यार्थियों को कैम्पस के अंदर ही उनके स्किल के आधार पर काम करने का मौका दिया जाएगा। साथ ही छात्रों-टीचरों में स्ट्रांग रिलेशन भी डेवेलप होगा।
इस योजना से मिल रहा फाइनेंशियल सपोर्ट
कीर्ति चौरसिया (Research Scholar, Department of Chemistry,University of Lucknow) (छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन देने वाली विद्यार्थी) का कहना है कि इस योजना से फाइनेंशियल सपोर्ट मिल रहा है। कीर्ति ने कहा, ‘एक फिक्स्ड टाइम तो विवि में देना ही पड़ता है और अगर इस फिक्स्ड टाइम में काम मिले और साथ-साथ इंसेंटिव भी मिल जाए तो छात्र के लिए ये एक प्लस पॉइंट है।’ कीर्ति ने कहा है कि इस योजना के तहत आवेदन देने के लिए फैकल्टी द्वारा भी सपोर्ट मिला है।
कीर्ति का कहना है कि हर योजना में टीचर्स द्वारा सपोर्ट मिलता है, साथ ही लखनऊ विवि की फैकल्टी छात्रों को प्रोत्साहित भी करती है। उन्होंने कहा है कि ये योजना उन विद्यार्थियों के लिए बनी है जिनके पास फाइनेंशियल सपोर्ट की कमी है। अगर विवि में पढ़ाई के दौरान काम करने का मौका मिल रहा है और उससे इनकम भी हो रही है, तो इससे अच्छा कुछ भी नहीं है।
परिश्रम की परिभाषा सिखाएगी ‘कर्मयोगी छात्रवृत्ति योजना’
वहीं आस्था यादव (Ph.D. Research Scholar, Department of Chemistry, University of Lucknow) (छात्रवृत्ति योजना के लिए आवेदन देने वाली विद्यार्थी) का कहना है कि विद्यार्थियों को परिश्रम की परिभाषा सिखाने में ये योजना मददगार साबित होगी। आस्था का कहना है कि इस योजना के तहत स्किल तो डेवेलप होगी ही, साथ ही रोज़गार के क्षेत्र में विद्यार्थी अपना पहला कदम रखेगा।
उन्होंने कहा है कि योजना के तहत मिले पैसों से एक सेमेस्टर की फीस निकलेगी और फैमिली के कन्धों पर एक बोझ कम होगा। आस्था का कहना है कि लखनऊ यूनिवर्सिटी की फैकल्टी शुरू से ही सपोर्टिव रही है और हमेशा टीचर्स ने विद्यार्थियों को मोटिवेट किया है। मोटिवेशन से ही विद्यार्थियों ने इस स्कीम के लिए आवेदन किए हैं और यही मोटिवेशन विद्यार्थियों के आगे का रास्ता तय करता है।