लखनऊः यूपी विधानसभा चुनाव से पहले जहां एक ओर सभी दल अपने-अपने वोट बैंक को मजबूत करने में जुटे हुए हैं तो वहीं कुछ दल एक दूसरे को साथ लेकर चुनाव में उतरने की बात कर रहे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से हुई ओपी राजभर की मुलाकात सियासी चर्चाओं का विषय बन गई है।
दरअसल, पिछले दिनों सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को भले ही शिष्टाचार मुलाकात बताया गया हो लेकिन मुलाकात के बाद चर्चा ये हुई कि सुभासपा की भाजपा से हुई मुलाकात से AIMIM के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी नाराज हो गए। नाराजगी की खबरों पर विराम लगाते हुए सुभासपा प्रमुख ने दावा किया कि ओवैसी की पार्टी अब भी उनके भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा है।
राजभर ने कहा कि स्वतंत्र देव सिंह से मुलाकात के बाद मैंने ओवैसी से फोन पर बात की और मैंने उन्हें इस मुलाकात के बारे में विस्तार से बताया। ओवैसी से मतभेद की खबरों को बेबुनियाद बताते हुए राजभर ने दावा किया कि एआईएमआईएम अब भी उनकी अगुवाई वाले भागीदारी संकल्प मोर्चा का हिस्सा है।
ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “हम मोर्चे को मजबूत कर रहे हैं। हम इसी सिलसिले में वाराणसी में सात अगस्त को महिलाओं, पिछड़ों और अति पिछड़ों का सम्मेलन आयोजित करेंगे। अगले दिन इलाहाबाद में भी ऐसा ही सम्मेलन होगा।”
राजभर ने कहा कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से पहले उन्होंने प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से सोमवार को भेंट की थी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वह बीजेपी से गठबंधन नहीं करेंगे और उनकी बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से कोई बैठक नहीं हुई है।
प्रदेश की मौजूदा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके राजभर ने मंगलवार को कहा था कि वह बीजेपी के साथ गठबंधन करने को तैयार हैं, बशर्ते यह पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में पिछड़े वर्ग के किसी नेता को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश करे। राजभर ने स्वतंत्र देव सिंह और उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह से हुई मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया था। उन्होंने पहले कहा था कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने की संभावनाएं न के बराबर है और उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल को उखाड़ फेंकने का संकल्प ले चुकी है, मगर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने उम्मीद जताई है कि सुभासपा और बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगी।