नई दिल्ली। प्रदेश में यागी सरकार को चार महीने हो गए हैं। और अब सरकार में टकराव की स्थिति बन गई है। जिके चलते कैशव प्रसाद मौर्य योगी का साथ छोड़कर मोदी की केंद्र सरकार में शामिल हो सकते हैं। इसका कारण राजनीति और सरकार दोनों ही है। विपक्ष एकता और गटजोड़ की कवायद के बीच बीजेपी के नेता मौर्य के संसदीय क्षेत्र फूलपुर में फिलहाल चुनाव से भी बचना चाहते हैं। ऐसे में अगले महीने मौर्य दिल्ली आ सकते हैं और पीएम मोदी अगले महीने ही कैबिनेट के विस्तार की भी संभावना है।
बता दें कि हाल हा में बसपा सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है जिसे राजसभा ने स्वीकार भी कर लिया है। माया कि तरफ से अभी तक इस बात को लेकर कोई एलान नहीं हुआ है। लेकिन यह अटकलें तेज हैं कि मौर्य के इस्तीफा देने की स्थिति में वह फूलपुर से लोकसभा का उपचुनाव लड़ सकती हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा चुनाव का जो आंकड़ा रहा है उसके अनुसार सपा, बसपा और कांग्रेस का संयुक्त वोट बीजेपी के लिए खतरनाक होगा। उससे भी ज्यादा खतरे की बात यह होगी कि चुनाव से डेढ़-दो साल पहले ही विपक्षी एकता की जड़ें पनपने लगेंगी। इसको टालने का सिर्फ एक तरीका मौर्य का सांसद बना रहना है। लेकिन उस स्थिति में उन्हें दो महीने के अंदर प्रदेश सरकार से हटना होगा।