प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान में राष्ट्र व्यापी भागीदारी को बढ़ावा देने एवं बापू के एक स्वच्छ भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए 15 सितम्बर को ‘स्वच्छता ही सेवा‘ अभियान आरंभ किया।‘स्वच्छता ही सेवा‘ अभियान का उद्वेश्य स्वच्छता की दिशा में अधिक सार्वजनिक भागीदारी सृजित करना है। इसका आयोजन 02 अक्टूबर, 2018 को स्वच्छ भारत मिशन की चौथी वर्षगांठ की तैयारी के सिलसिले में किया जा रहा है।
आपको बता दें कि यह अभियान महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समरोहों के आरंभ को भी चिन्हित करेगा। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक व्यक्ति से इस अभियान का हिस्सा बनने और एक ‘स्वच्छ भारत‘ के निर्माण के प्रयासों को सुदृढ़ बनाने की अपील की है। उन्होंने पूरे देश के 17 स्थानों के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ वीडियो कांफ्रेस के जरिए बात की।
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चार वर्षों के भीतर ही भारत के 450 जिले खुले में शौचालय से मुक्त (ओडीएफ) बन गए
प्रधानमंत्री ने कुछ प्रमुख उपलब्धियों को साझा किया। इसमें शामिल था कि किस प्रकार चार वर्षों के भीतर ही भारत के 450 जिले खुले में शौचालय से मुक्त (ओडीएफ) बन गए हैं। इसी प्रकार, 20 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने इस अवधि के दौरान खुद को ओडीएफ घोषित कर लिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शौचालय या कूड़ादान जैसी सुविधाएं प्रदान करना पर्याप्त नहीं है और यह भी कहा कि स्वच्छता एक आदत है जिसे मन में बिठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश भर के लोग अब इस आदत के विकास में भागीदारी कर रहे हैं।
असम के डिब्रुगढ़ के बच्चों ने प्रधानमंत्री को अपने स्कूल एवं क्षेत्र को स्वच्छ बनाने की दिशा में अपने योगदान के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने नोट किया कि युवा सामाजिक बदलाव के राजदूत हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार बच्चों ने स्वच्छता के संदेश को आगेजाना सराहनीय है।गुजरात के मेहसाणा में दूध एवं कृषि सहकारी संघों के सदस्य स्वच्छता की दिशा में अपनी पहलों के बारे में प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने के लिए एकत्र हुए।
महेश कुमार यदुवंंशी