नई दिल्ली। बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है 20 महीने की महागठबंधन सरकार का अंत हो चुका है। और अब बिहार में बीजेपी-जेडीयू का महागठबंधन है। आज नीतीश कुमार ने छठी बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली है। आज हम आपको बताएंगे नीतीश कुमार के लाइफ के कुछ रोचक किस्से जिनके बारें में शायद ही पता हो।
नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 में पटना से 50 Km दूर बख्तियारुप में हुआ था। इनके पिता का नाम रामलखन सिंह वैध फ्रीडम फाइटर थे वे महात्मां गांधी से इन्सपायर थे। इनके घर का नाम मुन्ना है आज भी बख्यियारपुर में खई लोग उन्हें इसी नाम से बुलाते थे।
नीतीश ने श्रीगणेश हाई स्कूल बख्तियारपुर से दसवीं तक की पढ़ाई की उनके टीचर्स कहते है कि नीतीश बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। आपको बता दें कि नीतीश कुमार अपने दोस्तों के साथ स्कूल पैदल आते जाते थे रास्ते में एक रेल लाइन पड़ता था जहां घंटों तक माल गाड़ी खड़ी रहती थी एक बार नीतीश अपने दोस्तों के साथ माल गाड़ी के नीचे से गुजर रहे थे तभी मालगाड़ी चल पड़ी और वो घबरा गए। नीतीश रेल मंत्री बने तो उसी जगह पर उन्होंने फुट ओवर ब्रिज बनवाया ताकि किसी को रेलवे लाइन पार न करना पड़े।
टीचर को सुनाई लाल बहादुर शास्त्री के निधन की खबर
नीतीश बचपन से ही राजनीतिक तौर पर भी जागरुक थे नीतीश कुमार ने अपने टीचर को तीन बजे रात में जाकर उस समय के देश के तत्कालीन पीएम लाल बहादुर शास्त्री के निधन की खबर रेडियो पर सुनने के बाद सुनाई थी।
टीचर ने ले ली थी कॉपी
नीतीश जब 10वीं की बोर्ड परीक्षा दे रहे थे, तब इनवेजिलेटर ने टाइम हो जाने पर उनसे मैथ की कॉपी छीन ली थी। जब पहली बार बिहार के सीएम बने तब उन्होंने आदेश दिया कि बिहार बोर्ड एग्जाम में परीक्षार्थियों को 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाय ताकि किसी स्टूडेंट्स को परेशानी ना हो।
फिल्मों का शौक नीतीश कुमार को
स्कूल कॉलेज के दिनों में नीतीश कुमार को फिल्मों का भी शौक था एक्टर में उन्हें राजकपूर और एक्ट्रेस में बैंजती माला पंसद थी रोमाटिंक हीरो के तौर पर राजेन्द्र कुमार और देवानंद को पंसद करते थे।
दहेज के पैसे लौटा किए कोर्ट मैरेज
नीतीश में समाज सुधारक की छवि युवा अवस्था से ही थी उन्होंने शादी में स्वेच्छा से दहेज के तौर पर मिल रहे 22 हजार रुपए ससुराल वालों को ही लौटा दिए थे धूमधाम से शादी करने की बजाए उन्होंने कोर्ट मैरिज की थी।
1985 में पहली बार जीता था चुनाव
नीतीश ने बिहार राज्य में विघुत बोर्ड में नौकरी छोड़कर पॉलिटिक्स ज्वाइन कर लिया था 1974 में वे जयप्रकाश नारायण से जुड़े और जेपी आंदोलन में कूद पड़े। पहली बाप 1985 में नीतीश ने विधानसभा का चुनाव हरनौत सीट से जीता।
1989 में चुने गए सासंद
1989 में नीतीश दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हुए। इसी साल जनता दल का गठन हुआ। तब नीतीश जनता दल के महासचिव बनाए गए। उसी साल 9वीं लोकसभा के चुनाव में नीतीश बाढ़ से सांसद चुने गए और फिर वीपी सिंह की सरकार में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री बनाए गए। फिर 1991 में चंद्रशेखर की सरकार गिरने के बाद दसवीं लोकसभा के चुनाव में भी नीतीश बाढ़ से सांसद चुने गए। उन्होंने साल 2004 तक बाढ़ से सांसद रहे।
रेल मंत्री रहते दिया था इस्तीफा
एनडीए के शासन काल में नीतीश अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रीमंडल में भूतल परिवहन मंत्री, कृषि मंत्री, फिर रेल मंत्री बने नीतीश साल 1998 से 1999 तक रेल मंत्री रहे पश्चिम बंगाल के गैसेल में हुई रेल दुर्घटना पर उन्होंने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बीच में साल 2000 में वे कुछ दिनों के लिए वो पहली बार बिहार के सीएम भी बने थे।