नई दिल्ली। विपक्ष के लगातार बैकफुट पर आने के बाद से लालू यादव ने विपक्ष के एक जुट करने के लिए प्रयास रत हैं। इस बार पटना में देश बचाओ भाजपा हटाओ रैली के जरिए लालू अपना गणित साधने में लगे हैं। लगातार उनके परिवार पर सीबीआई और ईडी की हो रही कार्रवाई और अगल-थलग पड़े विपक्ष को एक जुट कर केन्द्र सरकार पर हमला बोलने के लिए इस रैली का आयोजन कर रहे हैं।
हांलाकि रैली से राहुल सोनिया और मायावती पहले ही दूरी बना चुके हैं। हांलाकि कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद को इस रैली में शामिल होने के लिए भेजा है। इस रैली में अखिलेश यादव और शरद यादव के साथ ममता बनर्जी शामिल हो रही हैं। माना जा रहा है कि अगर रैली में शरद यादव आये तो जेडीयू की व्हिप का उल्लंघन होगा ऐसे में शरद यादव पर कार्रवाई हो सकती है।
लालू की रैली की व्यापक तैयारियों को लेकर पूरा पटना शहर पोस्टरों तोरहद्वारों और होल्डिंगों से पटा पड़ा है। रैली में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं के भोजन नाश्ते का पूरा इंतजाम किया गया है। इस कार्यक्रम की व्यवस्था की जिम्मेदारी पार्टी के 80 विधायकों के साथ 3 सांसदो और 7 नगर पार्षदों ने संभाल रखी है।
इस पूरे कार्यक्रम को लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी एक युद्ध की तरह लेकर देख रहे हैं। पूरी तैयारी में खुद लगे हुए हैं। माना जा रहा है कि बीते दिनों जेडीयू की ओर से 20 महीने की महागठबंधन सरकार को गिराने औऱ फिर भाजपा से नाता जोड़कर सरकार बनाने के साथ महागठबंधन से खुद को अलग करने के बाद लालू की राजनीति हाशिए पर आने लगी थी। क्योंकि लालू प्रसाद यादव के अलावा इस बार उनके बेटे और बेटी के साथ पत्नी भी भ्रष्टाचार का आरोप झेल रही हैं।