नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक माह पहले किसानों के लिए पेंशन योजना शुरू की थी। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया था। इन किसानों ने अपना बुढ़ापा सुरक्षित करवा लिया है। प्रधानमंत्री मानधन योजना के तहत 9 अगस्त को रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था। यानी हर रोज लगभग 27 हजार किसान पेंशन के लिए केंद्र सरकार की इस योजना से जुड़ रहे हैं। तो आप भी देर न करिए, क्योंकि इसमें आपको कोई नुकसान नहीं है। आधा प्रीमियम मोदी सरकार दे रही है, आधा ही आपको देना है। जब चाहें तब आप इस स्कीम से बाहर भी आ सकते हैं।
बता दें कि अगर पॉलिसी होल्डर किसान की मौत हो गई, तो उसकी पत्नी को 50 फीसदी रकम मिलती रहेगी। LIC किसानों के पेंशन फंड को मैनेज करेगा। आपको बता दें कि जितना प्रीमियम किसान देगा उतना ही राशि सरकार भी देगी। इसका न्यूनतम प्रीमियम 55 और अधिकतम 200 रुपये है। अगर बीच में कोई पॉलिसी छोड़ना चाहता है तो जमा राशि और ब्याज उस किसान को मिल जाएगी। अगर किसान की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को 1500 रुपए प्रति महीने मिलेगा।
वहीं इस पेंशन स्कीम PMKMY के तहत पहले चरण में 5 करोड़ किसानों को 60 साल होने के बाद 3000 रुपये बतौर पेंशन दी जाएगी। सरकार ने इसका लाभ सभी 12 करोड़ लघु एवं सीमांत किसानों को देने का प्लान बनाया है। लघु एवं सीमांत किसान वे हैं जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कृषि योग्य जमीन है।
साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजबीर सिंह के मुताबिक रजिस्ट्रेशन के लिए कोई फीस नहीं लगेगी। यदि कोई किसान पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहा है तो उससे इसके लिए कोई दस्तावेज नहीं लिया जाएगा। इस योजना के तहत किसान पीएम-किसान स्कीम से प्राप्त लाभ में से सीधे ही अंशदान करने का विकल्प चुन सकते हैं। इस तरह उसे सीधे अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा।
हालांकि, आधार कार्ड सबके लिए जरूरी है। यदि कोई किसान बीच में स्कीम छोड़ना चाहता है तो उसका पैसा नहीं डूबेगा। उसके स्कीम छोड़ने तक जो पैसे जमा किए होंगे उस पर बैंकों के सेविंग अकाउंट के बराबर का ब्याज मिलेगा।