लखनऊ: देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जून को दिल्ली से कानपुर पहुंचेंगे। इसके लिए कानपुर शहर में कई तैयारियां पहले से की जा रही हैं। वह अपने पैतृक गांव भी जाएंगे, इसके अलावा कई अन्य आयोजनों में भी हिस्सा लेंगे। राष्ट्रपति के आगमन के साथ-साथ प्रेसीडेंशियल ट्रेन की चर्चा भी खूब हो रही है।
क्यों खास है प्रेसीडेंशियल ट्रेन
25 जून को राष्ट्रपति दिल्ली से प्रेसिडेंशियल ट्रेन में बैठकर कानपुर आएंगे। यह एक विशेष प्रकार की ट्रेन है, जिसमें सिर्फ दो डिब्बे होते हैं। इसका नंबर 9000 और 9001 है। इसे कई बार प्रेसीडेंशियल सैलून के नाम से जाना जाता है। भारत के इतिहास पर नजर डालें तो अभी तक अलग-अलग राष्ट्रपति इसकी मदद से यात्रा कर चुके हैं। कुल 87 बार प्रेसीडेंशियल ट्रेन का इस्तेमाल हुआ है, आखरी बार पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने 2003 में इस ट्रेन से बिहार यात्रा की थी।
खास है यह ट्रेन
सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रेसीडेंशियल ट्रेन पूरी तरह से बुलेट प्रूफ है। इसमें जीपीएस सिस्टम भी लगा हुआ है, इतना ही नहीं किसी भी स्थिति में जनता को संबोधित करने के लिए ट्रेन के अंदर ही पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम भी बनाया गया है। इस ट्रेन से सबसे बेस्ट कम्युनिकेशन सिस्टम हमेशा जुड़ा रहता है। इसके अलावा ट्रेन के अंदर रहने, खाने और आराम करने के लिए बेहतरीन सुविधा उपलब्ध है। कानपुर स्टेशन पर पहली बार यह ट्रेन आ रही है, इस ऐतिहासिक क्षण के लिए स्टेशन सहित शहरवासी भी उत्साहित हैं।