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जानिए ”आजाद हिंद फौज” के संस्थापक नेताजी की जिंदगी से जुड़ा ये अहम किस्सा

subhs chand bose जानिए ''आजाद हिंद फौज'' के संस्थापक नेताजी की जिंदगी से जुड़ा ये अहम किस्सा

नई दिल्ली। अंग्रेजो को भारत से आजादी दिलाने के लिए हर स्वतंत्रता सेनानी ने अपने-अपने तरीके से अंग्रेजी हुकुमत को उखाड़ने का प्रयास किया था, लेकिन इन सेनानियों में जो सबसे खास स्वतंत्रता सेनानी थे वो थे सुभाष चंद्र बोस। जिनके एक आह्वान पर 40 हजार से ज्यादा लोग देश की आजादी के लिए बलिदान देने के लिए तैयार हो गए थे। बोस के नारे ”तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा” ने लोगों में एक नया जज्बा और जोश भर दिया था। दरअसल आज सुभाष चंद्र बोस का जन्मदिन है। आजाद हिंद फौज के संस्थापक और अंग्रेजों से देश को मुक्त कराने में अपने योगदान देने वाले सुभाष जी का जन्म 23 जनवरी 1987 को हुआ था।

भारत को अंग्रेजो की गुलामी से आजाद कराने के लिए नेताजी ने जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया था। बता दें कि नेताजी का जन्म ओडिशा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। नेताजी 14 भाई-बहनों में नौवें नंबर पर थे और उनके पिता कटक के जाने माने वकील थे। देश को आजाद कराने के अलावा नेताजी की नीजि जिंदगी की बात करे तो साल 1934 में जब ब्रिटिश सरकार ने नेताजी को भारत से निर्वासित किया को वो यूरोप चले गए थे। यहां रहकर उन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए आजद हिंद फौज का गठन करने का निर्णय लिया, जिसके लिए उन्हें टाईपिस्ट की जरूरत थी।

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इसके बाद उनकी जरूरत को देखते हुए उनके दोस्त ने उन्हें एमिली शांक्ले से मिलवाया और एमिली से मिलने के बाद नेताजी ने उन्हें नौकरी पर रख लिया,जिसके बाद शुरू हुई नेताजी की लव लाइफ। दरअसल इस दौरान एक साथ काम करते रहने से दोनों एक दूसरे के प्रति आकर्षित हो गए और दोनों को प्यार हो गया। इसके बाद दो साल बाद जब नेताजी भारत लौटे, लेकिन कामकाज में इतना व्यवस्थ रहने के बाद भी वो एमिली को पत्र लिखना नहीं भूलते थे। इस दौरान एमिली को लिखे उनके पत्र में लिखा गया है कि तुम पहली महिला हो, जिससे मैंने प्यार किया है और मैं भगवान से सिर्फ यहीं प्रार्थना करता हूं कि तुम मेरे जीवन की आखिरी महिला भी रहों।

नेताजी ने अपने पत्र में आगे लिखा था कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक महिला के साथ प्यार के बंधन में बंध जाउंगा। इससे पहले बहुत से लोगों ने मुझसे प्यार करने की कोशिश की, लेकिन एमिली मैंने किसी की तरफ नहीं देखा पर तम्हे देखने के बाद मैं तुम्हारा हो गया। आपको बता दें कि ये लाइन उसी पत्र की हैं जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपनी प्रेमिका एमिली शांक्ले को लिखा था। आजादी के कुछ सालों बाद जब नेताजी के ये पत्र प्रकाशित हुए तब जाकर लोगों को नेताजी के जीवन के इस पहलू के बारे में जानने का मौका मिला। नेता जी और एमिली ने बाद में शादी भी कर ली थी लेकिन उसकी तारीख पर अभी भी इतिहासकारों के बीच मतभेद है।

 

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