एजेंसी, कर्नाटक। राज्य की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार में पदाधिकारियों के इस्तीफे देने के कारण कर्नाटक सरकार पर संकट मंडरा रहा है। अब तक 13 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, जो फिलहाल मुंबई के एक होटल में ठहरे हुए हैं। इनमें से 10 विधायक कांग्रेस और 3 जनता दल यूनाइटेड (जेडीएस) के हैं। लेकिल अभी तक विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं किये हैं। विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने कहा, रविवार को छुट्टी है। सोमवार को वह बेंगलुरु में नहीं हैं। लिहाजा मंगलवार को इस मसले को देखेंगे।
सरकार के पक्ष में विधायकों की संख्या
बताते चलें कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन सरकार के पक्ष में 118 विधायक थे। यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 113 से पांच ज्यादा थी। तीन अन्य विधायकों में एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से, एक कर्नाटक प्रग्न्यवंथा जनता पार्टी (केपीजेपी) से और एक निर्दलीय विधायक है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 105 विधायक हैं। इसमें कांग्रेस के 79 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित), जेडीएस के 37 और तीन अन्य विधायक शामिल रहे हैं।
इस्तीफा देने के बाद अब उसके सदस्यों की संख्या 34 हो गई है। जेडीएस के 37 विधायक हैं और उसके 3 विधायकों ने इस्तीफा दिया है। वहीं कांग्रेस के कुल 80 विधायक हो गए थे, जिनमें से 10 ने इस्तीफा दिया है (जिसमें आनंद सिंह का इस्तीफा भी शामिल है) तो उसके विधायक 70 हो गए हैं, जिसमें स्पीकर भी शामिल हैं। बसपा और निर्दलीय के एक-एक विधायक हैं। कांग्रेस और जेडीएस के मिलाकर अब 106 विधायक हैं, जिनमें बसपा और निर्दलीय विधायक भी शामिल है।
बताते चलें फिलहाल बसपा और निर्दलीय विधायक का कहना है कि वे गठबंधन सरकार के साथ हैं। 224 विधायकों (स्पीकर के बिना) वाली कर्नाटक विधानसभा में 13 विधायकों के इस्तीफे के बाद सदस्यों की संख्या 211 हो गई है। लेकिन स्पीकर उनका इस्तीफा मंजूर करने में वक्त ले सकते हैं। अगर स्पीकर इस्तीफा मंजूर करते हैं तो कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी और फ्लोर टेस्ट पास नहीं कर पाएगी।