कर्नाटक। कावेरी नदी जल विवाद के चलते सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया था कि वो 23 सितंबर तक तमिलनाडु सरकार को रोजाना 6000 क्यूसेक पानी दे। लेकिन कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए कर्नाटक सरकार के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कैबिनेट मीटिंग में तमिलनाडु को पानी न देने का निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री ने कैबिनेट की आपातकालीन बैठक बुलाकर ये फैसला लिया। कैबिनेट की बैठक में दो फैसले लिए गए पहला ये कि कर्नाटक 6000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु को नहीं देगा और दूसरे फैसले में कर्नाटक सरकार ने शनिवार को विधानसभा के दोनों सदनों का संयुक्त सत्र बुलाने का निर्णय किया है, जिसमें कावेरी नदी का पानी तमिलनाडु को देने के मुद्दे पर न सिर्फ चर्चा होगी, बल्कि आगे की कार्रवाई भी तय करेगा।
बता दें, काफी लंबे समय से कावेरी विवाद को लेकर बेंगलुरु में असामान्य स्थिति बनी हुई थी यहां तक की लोगों ने हिंसक प्रदर्शन भी किए। दरअसल तमिलनाडु के किसानों ने 20 हजार क्यूसेक पानी की गुहार कोर्ट से लगाई थी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को कुछ समय तक के लिए 6000 क्यूसेक पानी छोड़ने को कहा था लेकिन इस पूरे मामले पर कर्नाटक सरकार का कहना है कि हमारे पास पानी नहीं है। इस आदेश को लागू करने में काफी दिक्कत होगी। फिलहाल मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।