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पति की लंबी उम्र के लिए ऐसे करें कजरी तीज पर पूजा, मिलेगा लाभ

पति की लंबी उम्र के लिए ऐसे करें कजरी तीज पर पूजा पति की लंबी उम्र के लिए ऐसे करें कजरी तीज पर पूजा, मिलेगा लाभ

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में हर साल में 3 बार तीज का त्योहार मनाया जाता है। हरतालिका तीज, हरियाली तीज की तरह एक और तीज मनाई जाती है जिसे कजरी तीज कहा कहते हैं इस तीज को हर साल भादो मास में कृष्ण तृतीया को मनाई जाती है। इस बार कजरी तीज 29अगस्त को मनाई जा रही है जिसे लेकर देश भर में इसकी धूम देखने को मिल रही है। कजरी तीज के दिन सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आर्शीवाद मिलता है।

कजरी तीज का महत्व

कजरी तीज का महत्व करवाचौथ की तरह ही होता है। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं, देवी की आराधना करती हैं, झूला झूलती हैं, कजरी गाती हैं, भिन्न-भिन्न पकवान बनाती हैं और श्रृंगार करती हैं। कजरी तीज को ‘बूढ़ी’ तीज और ‘सातूड़ी’ तीज दोनों नामों से जाना जाता है। आसमान में घूमती काली घटाओं के कारण ही इसे ‘कजरी’ तीज कहते हैं।

इस तीज में महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं। हालांकि वे महिलाएं जो गर्भवती हैं इस दिन फलाहार कर सकती हैं। चूंकि यह व्रत चांद को देखकर खोला जाता है। यदि रात्रि में चंद्रमा नहीं दिखाई दे तो रात 11.30 बजे आसमान की ओर मुख करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोल लें।

कजरी तीज का व्रत

कई महिलाएं कजरी तीज का व्रत अगले दिन खोलती हैं। इस दिन कजरी गीत गाने की विशेष परंपरा है। यूपी और बिहार में लोग ढोलक की थाप पर कजरी गीत गाते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को अपनी कठोर तपस्या से प्राप्त किया था। इस दिन संयुक्त रूप से भगवान शिव और पार्वती की उपासना करनी चाहिए। इससे कुंवारी कन्याओं को अच्छा वर प्राप्त होता है। साथ ही सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है।

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