- भारत खबर || नई दिल्ली
हाल ही मे हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे आरएलडी के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी पर पुलिस ने लाठी-डंडों से कड़ा प्रहार किया था। और उन्हें वहां पर जाने से रोका। बताते चले कि प्रशासन द्वारा हाथरस में धारा 144 के साथ अन्य धारा लागू कर दी गई थी। जिसमें किसी भी प्रशासनिक कार्यवाही के उल्लंघन करने पर भी रोक थी। लेकिन राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की एक न सुनी और अपना प्रदर्शन जारी रखा। इस बात को देखते हुए प्रशासन ने उन पर लाठीचार्ज किया। और देखते ही देखते सियासत में एक नया उबाल आ गया।
बताते चलें कि गुरुवार को मुजफ्फरनगर में आरएलडी के कार्यकर्ताओं ने जाट समुदाय के स्वाभिमान को जगाकर लोकतंत्र बचाओ महापंचायत कर अपना नया षड्यंत्र रचा है। इस समय जयंत चौधरी के साथ अन्य राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी यूपी के अन्य राजनीतिक दलों के जाट समुदाय के लोग खड़े हैं। देश की राजनीति में जयंत चौधरी काफी उभरते हुए नजर आ रहे हैं।
बताते चलें कि पश्चिम यूपी में आरएलडी ने खोई हुई सियासी जमीन को वापस लेने का भार जयंत चौधरी के कंधों पर है। जाट समुदाय जयंत चौधरी को चौधरी चरण सिंह के समान ही अपना नेता मानता है। इस के होने वाले चुनावों में जयंत चौधरी भारी मशक्कत कर रहे हैं व अपनी पार्टी को एक नया रूप देने के लिए दिन-रात मेहनत करते दिखाई दे रहे हैं।
ग़ौरतलब है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने भी हाथरस पीड़िता के गांव जाकर वहां पीड़िता के परिवार से हालचाल जाने। इसके बाद 4 अक्टूबर को जयंत चौधरी अपने अन्य कार्यकर्ताओं को लेकर हाथरस पहुंचे। लेकिन जब पत्रकारों से बात कर रहे थे तभी प्रशासन ने भारी बल के साथ लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान वहां पर भारी हड़कंप मच गया। जयंत चौधरी पर अचानक से प्रशासन द्वारा लाठीचार्ज करने पर पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भारी विरोध प्रदर्शन किया।
बताते चलें कि जाट समुदाय के कार्यकर्ताओं व दिग्गज नेताओं ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कड़ी चेतावनी दी है कि लाठीचार्ज करके किसान की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। यदि आप ऐसा करते हैं आपकी सरकार प्रदेश में ज्यादा टिक नहीं पाएगी।
जाट समुदाय के कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम सभी में भाईचारे की भावना है और हम सब साथ साथ हैं। उन्होंने कहा कि अत्याचार के खिलाफ हमारी लड़ाई हमेशा जारी रहेगी। इसी के साथ साथ जाट समुदाय के नेताओं ने प्रदेश सरकार को चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी दी। और सड़कों पर जंग लड़ने का एलान कर दिया।