- भारत खबर || नई दिल्ली
नासा द्वारा दिन-प्रतिदिन की जा रही क्षुद्रग्रहों पर शोध को लेकर विशेष चर्चा हो रही है। नासा दिन प्रतिदिन की जा रही अपनी शोधों के अनुसार दुनिया को क्षुद्रग्रहों के रहस्य से अवगत करा रहा है।
हाल ही में नासा ने क्षुद्रग्रहों के रहस्य के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि नासा ने अपनी बड़ी शोध में यह बताया है कि लगभग 4.5 अरब वर्ष क्षुद्रग्रह 101955 बेनू के लिए एक अविश्वसनीय रूप से बेहद महत्वपूर्ण एकाकी काल रहा है।
शोध के मुताबिक पता चला कि सौर प्रणाली की शुरुआत के दौरान एक विशाल शक्ति ने प्राचीन सम्मानीय चट्टानों को चकनाचूर कर दिया। और उन विशालकाय चट्टानों के मलबे को शून्य में मिला दिया। और फिर गुरुत्वाकर्षण में मलबे के ढेर को एक साथ दबोच ने के लिए मजबूर किया जबसे यह अकेले अकेले ही ब्रह्मांड में घूम रहे हैं।
नासा ने दावा किया है कि अरबों वर्षों के लिए, यह पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच सूरज के चारों ओर बह रहा है। शोध के मुताबिक 3 दिसंबर, 2018 को नासा के ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान ने कक्षा में इसका जोरदार स्वागत किया। नासा की शोध रिपोर्ट के मुताबिक नासा ने आगे बताया कि पृथ्वी से लगभग 27 महीने की यात्रा पूरी करने के बाद नासा के उपग्रह पीछे करने वाले अभियान में उसे बेहद नजदीकी से परखने के लिए बेन्नू तक अपना सफर तय किया।
नासा का कहना है कि इस बार उन्होंने बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है। और उनका यह मिशन कामयाब रहा। नासा का कहना है कि क्षुद्रग्रहों में चले जाने के बादओसिरिस-रेक्स माप लेने और बेन्नू को आकार देने में व्यस्त रहा। और फिर बेन्नू की सतह को मैप करते हुए और क्षुद्रग्रह की कहानी को धीरे-धीरे एक साथ जोड़ते हुए। यह कहां से आया? यह किस चीज़ से बना है? क्या यह पृथ्वी से टकराएगा? इस प्रकार के अनेकों सवाल खड़े हुए। जिनका नासा ने जवाब दिया।
बताते चलें कि जर्नल साइंस एंड साइंस एडवांस में प्रकाशित किए गए नए अध्ययनों के जरिये इन सभी सवालों पर अपनी पैनी नजर डाली जिसमें बेनू से संबंधित और भी कई सवाल मौजूद थे। जिन सवालों शोध के मुताबिक एक-एक करके खुलासा किया गया। इसी के साथ साथ ओसिरिस-रेक्स ने “नाइटिंगेल” क्रेटर की एक विस्तृत परीक्षा के लिए अनुमति दी है, ओशिस-रेक्स के साहसी उत्तराधिकारी के लिए 20 अक्टूबर का लक्ष्य।