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मनोज सिन्हा को मिली जम्मू कश्मीर की कमान..

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भारत खबर जम्मू।

जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट जनरल गिरीश चंद्र मूर्मू के अचानक इस्तीफ़े और रातों रात मनोज कुमार सिन्हा को नया एल जी बनाने के फैसले ने सबको आचंभित कर दिया। राजनीतिक गलियारों में चर्चा हैं कि मूर्मू ने कश्मीर की राजनीतिक और नौकरशाहों की लाॅबी के कारण त्यागपत्र दिया है।

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पूर्व एलजी मूर्मू का अक्तूबर में एक साल पुरा होना था। एक साल में मूर्मू को काम करने में दिक्कतें आ रही थी।सचिवालय में भी पिछले कई वर्षो से सक्रिय कश्मीरी नौकरशाहों की लाॅबी भी पिछले कुछ दिनों से सक्रिय हो गई थी। इससे पहले भी इस लाॅबी ने कश्मीर के हक में कई फैसले किए। राजनीतिक उठापटक में भी नौकरशाह

अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। देश द्रोही गतिविधियों में शामिल पांच सौ से अधिक अफसरों और नौकरशाहों की सूची तैयार करके उन्हें बर्खास्त करने की मंशा के कारण लाॅबी काफी सक्रिय हो गई। हालांकि महबूबा मुफती की सरकार के दौरान भी देशद्रोही गतिविधियों में शामिल कर्मचारियों को सस्पेंड किया जाता रहा है। पिछले महीने में ही एलजी

गिरीश चंद्र मूर्मु ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी में जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रहमन्यम, गृह विभाग के सचिव, पुलिस महानिदेशक, जनरल प्रशासनिक विभाग और कानून, न्याय एवं संसदीय मामलों के विभाग के प्रशासनिक अधिकारी, अतिक्ति पुलिस महानिदेशक सीआईडी विंग के अधिकारी शामिल हैं। इस
कमेटी ने सस्पेंड किए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी सूची में शामिल किए हैं। धारा 370 टूटने की सालगिरह के मौके पर ही मूर्मु का इस्तीफ़ा चर्चाओं में है और इसे प्रशासन में मौजूद कश्मीरी विचारधारा वाले नौकरशाहों का दबाव माना जा रहा है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री को बनाया एलजी,विधानसभा चुनावों की उम्मीद जगीजम्मू। पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज कुमार सिन्हा को जम्मू कश्मीर नया एलजी बनाए जाने से केंद्र सरकार ने मंशा जाहिर कर दी है कि राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। मनोज कुमार सिन्हा उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से तीन बार सांसद रह चुके हैं। वह केंद्रीय रेल राज्य मंत्री और सूचना मंत्री भी रहे। पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक केवह काफी करीबी बताए जाते हैं। एलजी बनाए जाने के बाद वह जल्द ही विधानसभा चुनाव कराने के लिए जोर लगाएंगे। बताया जा रहा है वह पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने के अनुभवों को भी सांझा करेंगे।

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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और प्रदेश कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष एडवोकेट रविंदर शर्मा के अनुसार एलजी के पास अधिकार सीमित हैं। राज्य की विधानसभा के पास अधिक अधिकार होते हैं। राज्य में जल्द चुनाव कराने केवह पक्षधर हैं। नेकां के संभागीय अध्यक्ष देवेंद्र सिंह राणा के अनुसार राज्य का मूल स्वरूप और पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए चुनाव कराना आवश्यक है।

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