नरेश सोनी, संवाददाता, जैसलमेर
जैसलमेर की माटी ने कई कलाकार दिए हैं, यहां की कला सात समंदर पार भी खुशबू बिखेर रही है। मांगणियार समाज राजतंत्र के समय से जैसलमेर का संगीत के क्षेत्र में काबिज रहा है। वहीं आज भी ये समाज रेगिस्तान की लोक कला को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी खास पहचान बना रहा है।
मामे खान ने कोरोना गीत किया रिलीज
जैसलमेर में गीत संगीत के कई घराने हैं। उन्हीं में से एक कलाकार ने विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ी, जो किसी नाम का मोहताज नहीं है। बॉलिवुड सिंगर मामे खान ने स्थानीय स्तर पर गायकी से लेकर हिंदी फिल्मों में आवाज देने तक का सफर तय किया। उन्हीं मामे खान की एक बार फिर तारीफ सुनने को मिल रही है। कोराना महामारी के इस दौर में आमजन को जागरूक करने को लेकर अपनी सुरीली आवाज में कोरोना गीत रिलीज किया। जो अब मुंबई से लेकर देश के कोने-कोने में बज रहा है।
लोगों को पसंद आ रहा गाना
जैसलमेर नगरपरिषद के तत्वाधान एवं आयुक्त शशिकांत शर्मा के आग्रह पर कलाकार मामे खान ने “नो मास्क, नो एंट्री, नो मास्क नो सर्विस” बोल का यह गीत लिखा और अपनी आवाज देकर संवारा। अब ये गीत अम लोगों के बीच खासा चर्चित हो चुका है।
इस गीत के माध्यम से कोरोना काल में सावधानियां बरतने से लेकर कोविड वैक्सीन लगाने की अपील भी की जा रही है। संगीत में इस तरह का प्रयोग पहली बार नहीं है। बल्कि मामे खान अपने संगीत और सुरों से अक्सर सामाजिक सरोकार में भूमिका निभाते आए है।