इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिए टीडीएस को अमल लाने के लिहाज से कैश निकासी की सीमा को घटकर 20 लाख रुपए कर दिया गया
नई दिल्ली। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने घोषणा करते हुये कहा है कि उसने शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों के लिए अपने किसी ग्राहक द्वारा दाखिल की गई इनकम टैक्स रिटर्न को देखने की सुविधा शुरू कर दी है। बैंक संबंधित ग्राहक के परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) के मुताबिक उसकी दाखिल रिटर्न के बारे में जानकारी ले सकेंगे।
डिपार्टमेंट ने बताया है कि जो व्यक्ति से ज्यादा कैसे निकालते हैं उन्होंने कभी इनकम टैक्स रिटर्न रिटर्न दाखिल नहीं की है। इस नई सुविधा से उन पर नजर रखी जा रही है, जो लोग कैश की निकासी करते हैं लेकिन रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं, उन पर नजर रखने के दौरान कई अन्य तरह के खुलासे भी हो सकते हैं।
वित्त विधेयक 2020 में एक नया नियम बनने जा रहा है जिसके तहत एक जुलाई 2020 से रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों के लिए टीडीएस को अमल लाने के लिहाज से कैश निकासी की सीमा को घटकर 20 लाख रुपए कर दिया गया। इसे प्रभावित करने के लिए इनकम टैक्स कानून 1961 में वित्त विधेयक में संशोधन किया गया। इसमें रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों की एक करोड़ रुपए से अधिक की कैश निकासी पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) 05 फीसदी की ऊंची दर से काटने का भी प्रावधान किया गया।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 31 अगस्त को जारी एक अधिसूचना में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की उस लिस्ट में शामिल कर दिया है जिनके साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सूचनाएं साझा कर सकता है।