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इस्लामिक स्टेट खुले में बेच जा रहीं महिलाएं, गुलामी, निलामी के बाद पेट में ही खत्म कर दिये जाते बच्चे, आपकी रूह कांपा देगी ये हकीकत..

is is 2 इस्लामिक स्टेट खुले में बेच जा रहीं महिलाएं, गुलामी, निलामी के बाद पेट में ही खत्म कर दिये जाते बच्चे, आपकी रूह कांपा देगी ये हकीकत..

पूरी दुनिया में आतंक का गढ़ कहे जाने वाले बगदाद और सीरिया से अकसर दर्दभरी और खौंफनाक तस्वीरें सामने आती रहती हैं।

is is इस्लामिक स्टेट खुले में बेच जा रहीं महिलाएं, गुलामी, निलामी के बाद पेट में ही खत्म कर दिये जाते बच्चे, आपकी रूह कांपा देगी ये हकीकत..
लेकिन इस बार जो हकीकत सामने आयी है उसने इंसानियत के ऊपर से विश्वास ही खत्म कर दिया है।

आपने आईएसआईएस का नाम तो सुना ही होगा और उसको चलाने वाले वाला अबू बकर अल बगदादी की मौत की खबरें भी सामने आती रहती हैं। लेकिन आपको बता दें वो जिंदा है और अब इब्राहिम अल-हाशमी अल-कुरैशी के नाम से रहता है।

उसके ऊपर 50 लाख डॉलर का इनाम है।और लगातार यजीद मुस्लिमों पर अपना कहर बरसा रहा है।
मीशन फॉर इंटरनैशनल जस्टिस ऐंड अकाउंटबिलिटी (CIJA) के जांचकर्ता हाजी समेत IS के दूसरे लड़ाकों के खिलाफ सबूत जुटा रहे हैं ताकि इंसानियत के खिलाफ अपराध, जंग और नरसंहार के लिए उन्हें सजा दी जा सके।

इसी जांच एजेंसी ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि, IS ने अगस्त 2014 में यजीदी समुदाय के खिलाफ सिंजर पहाड़ के पास के इलाके में हमले शुरू कर दिए थे।

लड़ाकों ने सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी और कम से कम 6,417 लोगों का अपहरण कर लिया। इनमें आधे से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां थीं।

किडनैप किए गए ज्यादातर पुरुषों की हत्या कर दी गई। शुरुआत में महिलाओं को ऐसे लड़ाकों को तोहफे के तौर पर दे दिया जाता था जो इन हमलों में शामिल होते थे।

बची हुई महिलाओं को IS के नियंत्रण वाले इलाकों में भेज दिया जाता था जहां मोसूल और रक्का जैसे शहरों में बाजारों में बेच दिया जाता था।

यहां तक कि सीरिया के पामायरा में इन गुलामों को रनवे पर चलवाया जाता था जहां लड़ाके उन पर बोलियां लगाते थे।

बाकी लॉटरी के जरिए महिलाओं को खरीदते थे। सोल्जर्स डिपार्टमेंट या दीवान अल-जंड ऐसे लड़ाकों का हिसाब रखते थे जिनके पास गुलाम होते थे।

IS की कैद से बचकर निकलीं लैला तालू अपनी आप बीती सुनाती हैं तो रूह कांप जाती है। लैला के 8 मालिक थे।

जहां लैला को ले जाया गया था, ‘वे उसे इस्लामिक कानून कहते थे। महिलाओं और छोटी लड़कियों का रेप करते थे।’ तालू, उनके पति, बेटे और नवजात बेटी को 2014 में किडनैप किया गया और इस्लाम में परिवर्तन कराने को मजबूर किया गया।

तालू बताती हैं कि उनके मालिकों में से एक इराकी सर्जन था। उसने तालू को मेकअप के साथ तैयार किया और सऊदी के चार आदमियों के सामने नुमाइश लगाई गई।

IS की धार्मिक पुलिस के एक सदस्य ने उन्हें 6 हजार डॉलर में खरीद लिया। उन्होंने बताया कि उनका मालिक फैशन शो की तरह आदमियों से भरे कमरे में महिलाओं को चलवाता था।

एक मालिक ने धमकी दी थी कि वह तालू की दो साल की बेटी को इराकी महिला को बेच देगा। उसने पहले तालू को प्रेग्नेंट किया और फिर अबॉर्शन के लिए मजबूर किया।

एक और मालिक ने भी उन्हें प्रेग्नेंट किया और उन्होंने खुद ही अबॉर्शन कर लिया। आखिरकार वह अपने बच्चों के साथ एक तस्कर को पैसे देकर भागने में कामयाब रहीं।

और अब वह अपने ऊपर हुए जुर्म की दांस्तान सुना रहीं हैं। लैला का कहना है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकी यकीद मुस्लिमों को खत्म करना चाहते हैं।

यही कारण है कि, वो उ पर लगातार जुर्म करते जा रहे हैं। आईएसआईएस के इतने जुर्म बढ़ चुके हैं कि पूरी दुनिया के बड़े-बड़े देश इसे रोकना चाहते हैं।

https://www.bharatkhabar.com/manisha-koirala-nepal-played-map-of-nepal-amidst-india-nepal-kalepani-dispute/

लेकिन फिलहाल रोकने में नाकाम रहे हैं। हालाकि इनका सरगना कहे जाने वाले अबू बकर अल बगदादी की मौत की कई खबरों के बाद भी वो जिन्दा है।

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