रूस के उरल संघीय जिले में कार्यालय के उप प्रमुख एंड्री कुराकोव ने कहा कि एक जांच में डायटलोव पास घटना का रहस्य खुला है।
जांच करने वाली टीम ने पीड़ितों के रिश्तेदारों के अनुरोध पर इस घटना की जांच शुरू कर दी है।जांचकर्ताओं ने इस दुखद घटना के पीछे की वजह जानने के लिए त्रासदी की जगह का निरीक्षण किया। जांचकर्ताओं का मानना है कि, डायटलोव में हुए बड़े समूह की मौत का कारण हिमस्खलन बताया है। जांचकर्ता के उप प्रमुख ने कहा कि हमारी जांच में सामने आया है कि, इस बड़े जनसमूह की मौत पहाड़ पर चढ़ते हुए बर्फ गिरने के दौरान हुई है।
जांच कर्ताओं का मानना है कि, 1959 में यूराल राज्य तकनीकी विश्वविद्यालय में रेडियो इंजीनियरिंग विभाग में 23 वर्षीय छात्र इगोर डायटलोव और उनके साथी पहाड़ में फंस गये थे। जिसके बाद उनकी मौत बर्फ के कारण हो गई। इस घटना को रूस के इतिहास में डेड माउंटेन या ओटोर्टन माउंटेन के रूप में भी जाना जाता है। जिसमें कई लोग लापता हो गये थे। जिसकी अभी भी खोज की जा रही है। इसी खोज में जांचकर्ताओं ने कहा कि कुछ हाइकर्स फटे कपड़ों में लिपटे हुए थे, जिससे पता चलता है कि वे उन्हें अपने मृत साथियों से ले गए थे।
डायटलोव समूह की मौत के आसपास की रहस्यमय परिस्थितियों ने कई कहानियों को जन्म दिया है। जिसकी इतिहास में चर्चा होती रहती है। इस घटना को लेकर लोगों के अंदर इतनी दिलचस्पी है, लोग फिल्म बनाने की बात करते हैं।
Credit:- Sputnik News Russia