मुंबई। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने स्वदेशी जंगी जहाज आईएनएस चेन्नई को यहां सोमवार को नौसेना में शामिल किया। पर्रिकर ने कहा, भारतीय नौसेना के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है। इस जहाज का निर्माण मुंबई में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (एमडीएल) ने किया है। इस अवसर पर वायुसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पश्चिमी नौसेना कमान के शीर्ष अधिकारी और अन्य हस्तियां मौजूद थीं।
इस श्रेणी में पहले जंगी जहाज आईएनएस कोलकाता को 16 अगस्त, 2014 को और दूसरे आईएनएस कोच्ची को 30 सितंबर, 2015 को नौसेना में शामिल किया गया था। संचालन के बाद आईएनएस चेन्नई की कमान पश्चिमी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ के पास होगी।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि भारतीय सेना के लिए यह क्षण बेहद ही ऐतिहासिक है। पर्रिकर ने पाकिस्तान पर एकबार फिर से निशाना साधते हुए कहा कि दूसरी तरफ से लगातार फायरिंग की जाती रही है, हमारी सेना की तरफ से तब तक कोई फायरिंग नहीं होती जब तक दूसरी तरफ से कोई गोलीबारी नहीं होती है, लेकिन अगर उधर से ऐसी कोई घटना सामने आती है तो हमारी सेना भी पीछे नहीं हटने वाली है।
आईएनएस चेन्नई की क्या है खासियत- आईएनएस चेन्नई को वर्ष 2006 में बनाना शुरु किया गया था, जिसके बार चार साल बाद इसे पानी में उतारा गया। कई सारे ट्रायलों के बाद इसे 16 अगस्त 2014 को देश को सौंपा गया। इसकी लम्बाई 164 मीटर है और इसे बनाने में करीब 11500 करोड़ का खर्च आया है। इसमें 7500 टन वजन को ले जाया जा सकता है इसकी नार्मल गति 60 किमी/घंटा है। डायरेक्टोरेट ऑफ नेवल डिजाइन किया है। भारतीय नौसेना में शामिल होने से बेडे़ की ताकत बढ़ेगी।