featured दुनिया

भारत और चीन का विवाद क्या निबटा पाएगा रूस?

india vs chaina 1 भारत और चीन का विवाद क्या निबटा पाएगा रूस?

भारत और चीन के बीच विवाद आज भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तीन दिवसीय रूस के दौरे पर हैं। ऐसे में चीन के सैन्य उच्च अधिकारी भी रूस में मौजदू हैं। जिससे उम्मीद की जा रही है कि, शायद चीन और भारत के बीच चल रहा सैन्य विवाद रूस में निबट सकता है?रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की यह रूस यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब लद्दाख में चीन के साथ भारत का गतिरोध बरक़रार है।सोमवार को मॉस्को रवाना होने से पहले राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा कि “तीन दिवसीय यात्रा पर मॉस्को रवाना हो रहा हूँ। यह यात्रा भारत-रूस रक्षा और सामरिक साझेदारी को मज़बूत करने के लिए बातचीत का अवसर देगी”।

rusia 2 भारत और चीन का विवाद क्या निबटा पाएगा रूस?
भारतीय रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ‘चीन के साथ सीमा पर तनाव होने के बावजूद रक्षा मंत्री ने रूस की यात्रा स्थगित नहीं की क्योंकि रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंध हैं और रक्षा मंत्री रूस के उच्च अधिकारियों के साथ दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने को लेकर कई बैठकें करने वाले हैं।’आपको बता दें, भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के रूस रवाना होने के बाद से ही एस-400 डिफ़ेंस सिस्टम की भी चर्चा हो रही है।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ‘रूस ने इस डिफ़ेंस सिस्टम की डिलीवरी डेट आगे खिसका दी है जो भारत के लिए चिंता का विषय है।

रूस में बनने वाले ‘एस-400: लॉन्ग रेंज सरफ़ेस टू एयर मिसाइल सिस्टम’ को भारत सरकार ख़रीदना चाहती है। ये मिसाइल ज़मीन से हवा में मार कर सकती है। एस-400 को दुनिया का सबसे प्रभावी एयर डिफ़ेंस सिस्टम माना जाता है। इसमें कई ख़ूबियाँ हैं. जैसे एस-400 एक साथ 36 जगहों पर निशाना लगा सकता है।

तो वहीं दूसरी तरह आज रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक शुरू हो गई है। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद ये पहला मौका है जब भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी आमने-सामने हैं। हालांकि बैठक के पहले रूस ने साफ कर दिया था कि इस बैठक में किसी भी द्विपक्षीय मसले पर चर्चा नहीं की जाएगी। यह बैठक जर्मनी के नाजियों पर रूस की जीत के 75 साल पूरे होने पर हो रही है। बैठक की अध्यक्षता रुस के विदेश मंत्री सर्गी लैवरॉव कर रहे हैं।

बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह विशेष बैठक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की समीक्षा के लिए है, लेकिन आज जो चुनौती है वह कॉन्सेप्ट या नियमों की नहीं है बल्कि उसकी बराबर तरीके से प्रैक्टिस की है।खबरों की मानें तो विदेश मंत्रालय के मुताबिक बैठक में कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति पर चर्चा होगी। इसके साथ ही तीनों देशों के विदेश मंत्री सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों पर चर्चा कर सकते हैं।

https://www.bharatkhabar.com/us-president-donald-trump-suspended-h1-b-visa/
जो आने वाले समय में अच्छे परिणाम दे सकते हैं। क्योंकि जिस तरह से दो जगह अलग-अलग मुलाकातें और बैठके हो रही हैं। वो बेहद महत्वपूर्ण हैं।

Related posts

Jammu Kashmir: शोपियां में क्रॉस फायरिंग में एक नागरिक की मौत, पुंछ में 3 सुरक्षाकर्मी घायल

Rahul

यूपी: लखनऊ में 28 साल बाद लौटेगा टेस्ट क्रिकेट, इकाना स्टेडियम में होगी भारत और न्यूजीलैंड की भिड़ंत

Saurabh

Corona Cases In India: देश में कोरोना केसों में आई कमी, 24 घंटों में मिले एक लाख 27 हजार 952 नए केस

Rahul