इंदौर। एक ओर जहां देश की जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं मध्य प्रदेश में माहेश्वरी समाज के सामने उसकी तेजी से घटती जनसंख्या बड़ी समस्या बनकर उभरी है। इसके चलते अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा ने जनसंख्या बढ़ाने पर पुरस्कार देने की घोषणा की है। महासभा ने देशभर के सामाजिक संगठनों को अपने स्तर पर इसके लिए प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही देशभर में अब 12 से 18 साल की लड़कियों की काउंसलिंग करने का निर्णय भी लिया गया है। इसमें लड़कियों को सिंगल चाइल्ड के पैरेंट बनने के नुकसान भी बताए जाएंगे।
बताया जाएगा कि सिंगल चाइल्ड के पैरेंट होने पर अगर किसी दुर्घटना में बच्चे की मौत हो जाती है तो तीन बच्चों के पिता होने की बजाय बिना संतान जीवन बिताना अधिक तकलीफदायक हो जाएगा। समझाया जाएगा कि माहेश्वरी समाज जैसे संपन्न समाज में दो या तीन बच्चों की देखरेख करना उतनी बड़ी चुनौती नहीं है, जितनी बिना बच्चों के जीवन यापना करना। साथ ही युवतियों को समाज में ही विवाह करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस कड़ी में माहेश्वरी समाज मध्य राजस्थान प्रांत ने अनूठी घोषणा की है। तीसरे बच्चे पर 50 हजार, चौथे पर एक लाख और पांचवें बच्चे पर दो लाख रुपये की बच्चे के नाम एफडी करने की घोषणा की है।
बता दें कि इंदौर जिला माहेश्वरी समाज के कार्यसमिति सदस्य रामस्वरूप मूंदड़ा के मुताबिक, तीन साल पहले देशभर में की गई जनगणना में समाज की जनसंख्या 16 लाख आई थी। अभी किए जा रहे सर्वे का काम 60 फीसद से अधिक हो चुका है, जिसमें ढाई लाख तक जनसंख्या कम होने की आशंका है। सर्वे की तारीख बढ़ाकर 30 जून की गई है। चार फीसद सालाना की कमी की बात सामने आ रही है। अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के सभापति श्याम सोनी ने बताया कि किसी भी समाज की जनसंख्या यथावत या बढ़ने के लिए 100 जोड़ों पर 220 बच्चे होना चाहिए, पर माहेश्वरी समाज में 100 जोड़ों पर 155 बच्चों का प्रतिशत है। ऐसे में 2050 तक माहेश्वरी समाज विलुप्ति की कगार पर पहुंच सकता
वहीं माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष प्रादेशिक राजेंद्र इंनानी ने बताया कि माहेश्वरी समाज की जनसंख्या में आई कमी चिंता की बात है। तीसरा या चौथा बच्चा होने पर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता, यह भी समाजजन के लिए दिक्कत की बात है। ऐसे में तीसरे बच्चे पर 50 हजार और चौथे पर एक लाख की एफडी समाज की ओर से करने की घोषणा है। महेश नवमी के बाद हम जिला और ग्रामीण स्तर पर इस संबंध में जिम्मेदारियां सौंपेंगे। केंद्र सरकार ने भी पारसी समाज की घटती जनसंख्या को रोकने के लिए जियो पारसी योजना शुरू की है। इसमें पारसी जोड़ों को मुफ्त में कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराई है।