नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच सीमा पर तनातनी काफी समय से जारी है। इस बीच ऐसी खबरें आ रही है कि भारतीय वायुसेना ने गुरुवार को अपने सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट विमान सी- 17 ग्लोबमास्टर को चीनी सीमा के बेहद नजदीक लैंड कराया है। इस विमान को अरुणांचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले के मेचिका में उतारा गया है जो कि चीनी सीमा से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर है।
बता दें कि इस इलाके से रेल और रोड संपर्क काफी दूर है और किसी भी आपात कालीन स्थिति में विमान सेवा के जरिए पहुंचने और सामरिक तैयारियों के लिहाज से ये क्षेत्र काफी खास है। जिसके चलते सेना ने ग्लोबमास्टर विमान की लैंडिग यहां पर कराई है। इस विमान को उतारने के पीछे भारत का मकसद किसी भी आपात स्थिति में सेना और सैन्य सामग्री को तय समय पर पहुंचाना है। मेचुका अरुणांचल प्रदेश के पश्चिम सियांग में है इस इलाके से ट्रेन या फिर हवाई सफर करने के लिए पहले सड़क से डिब्रूगढ़ तक का 500 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है।
बता दें कि ग्लोबमास्टर विमान को भारतीय वायुसेना की एक बड़ी उपलब्धि की तरह देखा जा रहा है क्योंकि पिछले 2 दिनों से लद्दाख के डेमचोक में भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। जानकारी के मुताबिक चीन ने एलओसी के बेहद पास नाले के निर्माण कार्य को रुकवा दिया था जिसके बाद इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस फोर्स और सेना के जवानों ने भी चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और ऐसे में ग्लोबमास्टर जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के जरिए भारतीय सैनिकों को चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में काफी मदद मिलेगी।
जानिएं ग्लोबमास्टर की खासियत:-
– अभी तक भारत के पास 5 बोइंग सी-17 ग्लोबमास्टर विमान है।
– भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा विमान है।
– ये विमान अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कतर, यूएई और नाटो हैवी एयरविंग का हिस्सा है।
– सी-17 में करीब 80 टन की क्षमता है।
-साल 2013 में भारत ने अमेरिका से 10 ग्लोबमास्टर विमानों का सौदा किया था जिसमें से 5 विमान अभी नहीं मिले हैं।
– इस विमान में फ्यूल को हवा में ही भरा जा सकता है।
-इसमें एक साथ 150 जवान बैठ सकते हैं।