बीजिंग। चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने भारत-चीन गतिरोध को लेकर आगाह किया है कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति पूरी तरह से बदल सकती है और डोकलाम जैसे और संकट उत्पन्न हो सकता है, लेकिन उनका ये भी कहना है कि डोकलाम गतिरोध क्षेत्र में अभी तक कोई बदलाव नहीं आया है। हालांकि संवेधनशील इलाके से काफी दूरी पर अपने सैनिकों का जमावड़ा कर सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के समाधान के बाद डोकलाम गतिरोध क्षेत्र में कोई बदलाव नहीं आया है। भारत के राजदूत गौतम ने चीन पर दोष मडते हुए कहा कि उसने स्थिति को बदलने की कोशिश की, जिसके कारण नया विवाद उत्पन्न होने की कगार पर खड़ा है।
राजदूत ने कहा कि डोकलाम में आज कोई तब्दीली नहीं हो रही है और वे इन रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया कर रहे थे कि चीनी सेना ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचा निर्माण कार्य तेज कर दिया है। एक साक्षतकार के दौरान उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष ज्यादा सैनिकों को रखने के लिए ज्यादा सैन्य बैरक बना रहा है, लेकिन वे जगह संवेधनशील क्षेत्र से बहुत पीछे है। बंबावले ने कहा कि ये चीजें हैं जिन्हें करने के लिए आप आजाद हैं और हम भी करने के लिए आजाद हैं क्योंकि आप इसे अपने क्षेत्र के अंदर कर रहे हैं और हम क्षेत्र के अंदर कर रहे हैं। बंबावले ने अपनी पहले की ये टिपण्णियां भी दोहराईं कि चीन को भारतीय सीमा के पास के इलाके में यथास्थिति नहीं बदलना चाहिए और संवेदनशील इलाकों में अपनी योजना के बारे में पहले ही भारत को सूचना देनी चाहिए।
भारतीय राजदूत ने कहा कि इस अर्थ में कि अगर चीनी सेना कोई सड़क बनाने वाली है तो उसे अवश्य ही हमें बताना चाहिए कि हम सड़क बनाने जा रहे हैं। अगर हम इससे सहमत नहीं होंगे तो हम जवाब दे सकते हैं कि, देखें, आप यथास्थिति बदल रहे हैं। कृपया ऐसा न करे क्योंकि ये बहुत संवेदनशील इलाका है। गौरतलब है कि डोकलाम गतिरोध के दौरान चीन ने दावा किया था कि उसने भारत को अपनी योजनाओं के बारे में बताया था। इस गतिरोध से सबक लेने के मामले में उन्होंने 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा का नक्शा बनाने का आह्वान किया जिससे चीन ने मना कर दिया। बंबावले ने कहा कि भारत चीन सीमा अपरिसीमित है और अचित्रांकित है। सो, हमें इसे चित्रांकित और परिसीमित करने के लिए एक-दूसरे से बात करनी चाहिए जिसका मतलब सीमा-रेखा खींचना है।