
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को दिए एक साक्षतकार में उन्होंने कहा कि भारत और चीन को 50 अरब डॉलर वाली चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना सहित सभी विवादित मसले सुलझाने के लिए वार्ता करनी चाहिए। उन्होंने डोकलाम के मसले को लेकर दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध पर कहा कि चीनी मीडिया इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही है। रिश्तों में ऐसे छोटी-मोटी बाधाओं से पार पाने के लिए भारत और चीन के लोग, साथ ही हमारे नेता काफी अनुभवी और समझदार हैं। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि डोकलाम की घटना के बाद की अवधि में भारत और चीन को नेतृत्व के स्तर सहित विभिन्न स्तरों पर एक-दूसरे से बात करते रहने और पहले से ज्यादा संवाद करते रहने की जरूरत है।
आपको बता दें कि भौगोलिक रूप से डोकलाम भारत, चीन और भूटान बॉर्डर के तिराहे पर स्थित है, जिसकी भारत के नाथुला पास से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी है। चुंबी घाटी में स्थित डोकलाम सामरिक दृष्टि से भारत और चीन के लिए काफी महत्वपूर्ण है और साल 1988 और 1998 में चीन और भूटान के बीच समझौता हुआ था कि दोनों देश डोकलाम क्षेत्र में शांति बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे। लेकिन पिछले साल इस इलाके में चीनी सेना ने सड़क निर्माण करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सैनिकों ने रोक दिया। भारतीय सेना के इस एक्शन के बाद 72 दिनों तक दोनों देशों की सेनाएं वहां डटी रहीं।