उत्तराखंड प्रदेश में दो दिनों से हुई लगातार बारिश से जमकर कहर बरपाया। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश से पहाड़ो से मलबा सड़को पर आगया जिससे चारधाम में जाने वाले यात्रियों को भी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। वही मैदानी क्षेत्रों में किसानों को कुदरत की मार झेलनी पड़ी। लगभग खेतो में तैयार धान की फसलें बर्बाद होने की कगार पर है। लगातर हुई बारिश से खेतों में पानी भर गया है और तैयार धान की फसल खेतो में गिर गई। किसानों की लहराती हुई धान की फसले बारिश की भेंट चढ़ गई। चिलचिलाती धूप में किसानों की मेहनत बारिश में पानी होती हुई दिखाई दे रही है बारिश के पानी में बहती फसलें किसानों की उम्मीदें भी लेकर बह गई। मंगलौर क्षेत्र के आसपास की कई बीघा धान के खेतों में पानी भर गया है। ऐसी इस्थिति में किसानों के सामने मुसीबत खड़ी हो गई है।
बता दें कि नैनीताल में लगातार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। तमाम रोड ब्लॉक नैनीताल 1992 के बाद नैनीताल में रोड और तालाब एक लेबल में तालाब का पानी सड़कों पर सैलाब बना नैना देवी प्रांगण में पूरा जलभराव तालाब वह मंदिर परिषद एक समान मंदिर में इतना पानी आ गया कि लोग पुजारी इस्नान उस पानी से करने लगे अगर यही स्थिति बारिश की रही तो नैनीताल खतरा बना रहेगा क्योंकि निकासी के ऊपर पानी बह रहा है और नीचे आबादी वाला क्षेत्र हैं।
दो दिन से लगातार हो रही बारिश ने शहर के हालात खराब कर दिए हैं । बारिश के पहले दिन तो लग रहा था कि शायद किसानों की धान की फसल ही बर्बाद हुई है । लेकिन दूसरे दिन की बरसात ने व्यापारियों और आम लोगों को भी परेशानी में डाल दिया शहर के कई क्षेत्रों में रात में इतना पानी भर गया कि पुलिस को एंटीवायरस की टीम के साथ रेस्क्यू तक करना पड़ा और करीब 1000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचना प्रारुप शहर के भूत बंगला जगतपुरा खेड़ा रामपुरा जैसे क्षेत्रों में कल्याणी नदी का पानी इससे बड़ा कि उनके घरों को भी डुबो दिया व्यापारी भी स्पर्श आसिफ बहुत परेशान थे दरअसल प्यारी मौसम में स्टॉप दुकानों पर लगा हुआ था लेकिन दो दिन की लगातार होने वाली बरसात ने उनके भी मसूर पानी फेर दिया लोग तो अब इसे आपदा का नाम दे रहे हैं।
उधम सिंह नगर के किच्छा के लोगों के लिए गोला नदी आफत बानी हुई है। पिछले 24 घंटे से हो रही भारी बारिश के बाद नदी का जलस्तर बढ़ने से नदी के आस पास रहने वाले लोंगो के घर हुए जल मगन हो चुके हैं। प्रशासन द्वारा लगातार रेस्क्यू कर नदी के आस पास रहने वाले लोगों के घर खाली कराए जा रहे हैं। वहीं नगर पालिका एवं तहसील प्रशासन द्वारा घरों से निकले गए लोगों के रहने की व्यवस्था नगरपालिका सभागार, सूरजमल महाविद्यालय में कई गयी है। साथ ही प्रशासन, नेताओं एवं नगर के व्यापार मंडल के पदाधिकारियों द्वारा सभी लोगों के खाने की व्यवस्था की गयी हैं।