लखनऊ। विधानसभा चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने अखिलेश यादव सरकार को झटका दिया है। आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर 108 समाजवादी एम्बुलेंस सेवा में समाजवादी शब्द ढकने का आदेश दिया है, जिससे इसके जरिए पार्टी चुनाव में लाभ नहीं उठा सके।
आयोग से सीनियर प्रिसिंपल सेक्रेटरी पी.के. श्रीवास्तव ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी टी.वेंकटेश को पत्र लिखकर कहा है कि समाजवादी एम्बुलेंस सेवा पर समाजवादी शब्द ढका जाये। हालांकि आयोग का यह आदेश तब आया है, जब सूबे में चार चरणों का विधानसभा चुनाव सम्पन्न हो चुका है और पांचवे चरण का प्रचार शनिवार को समाप्त हो गया। पांचवे चरण में 27 फरवरी को मतदान सम्पन्न होगा।
इससे पहले 108 एम्बुलेंस समाजवादी स्वास्थ्य सेवा पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप लग रहे थे। एम्बुलेंस पर लिखे समाजवादी शब्द को लेकर चुनाव आयोग में आपत्ति भी जाहिर की गई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधान मण्डल दल के नेता सुरेश कुमार खन्ना ने इस पर कड़ी आपत्ति जतायी थी। उनका कहना था कि सभी जगहों पर प्रशासनिक अधिकारी बाकी दूसरी पार्टी के बैनर और पोस्टर को हटा रहे हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी का हर तरफ जमकर प्रचार किया जा रहा है। ऐसे में 108 नम्बर की एम्बुलेंस पर लिखा समाजवादी शब्द पार्टी का प्रचार कर रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की थी कि 108 नम्बर की एम्बुलेंस से समाजवादी शब्द को तत्काल हटाया जाए।
वहीं निर्वाचन आयोग के इस तरह के अन्य फैसलों पर नजर डालें तो आयोग ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान लखनऊ और नोएडा में बने तमाम पार्कों और स्मारकों में लगीं यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती और हाथियों की मूर्तियों को फौरन ढकने का आदेश दिया था। आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए अपना आदेश दिया था। तब चुनाव आयोग से साथ बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने इन मूर्तियों पर सवाल उठाए थे और आयोग से इन्हें ढकने की मांग की थी। इसके बाद आयोग ने कहा था कि मायावती और हाथी की मूर्तियां चुनाव प्रक्रिया और मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। इससे बसपा को विधानसभा चुनाव में फायदा हो सकता है।