मथुरा। जवाहर बाग में अतिक्रमण हटाने पहुंची पुलिस पर हमले के बाद दो पुलिसवालों समेत 21 लोगों की मौत हो गई है। करीब 100 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने पहुंची पुलिस और कब्जेधारियों के लिए बीच गुरुवार को भीषण संघर्ष हुआ जिसमें पुलिस अधीक्षक (एसपी-सिटी) मुकुल द्विवेदी और थाना प्रभारी संतोष कुमार की मौत हो गई। जबकि अतिक्रमण हटाओ अभियान का विरोध कर रहे 19 अन्य लोगों की भी मौत की खबर है। इस हिंसा में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए जिनका इलाज नजदीक के अस्पताल में चल रहा है।
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए कब्जाधारियों को बलपूर्वक जवाहरबाग से खदेड़ दिया। रात होते-होते बड़ी संख्या में कब्जाधारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। कमिश्नर प्रदीप भटनागर जांच अधिकारी बनाए गए हैं। समझा जाता है कि पथराव आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही संगठन के कार्यकर्ताओं ने किया जिन्होंने अतिक्रमण किया था।
आईजी (कानून एवं व्यवस्था) एच आर शर्मा ने बताया कि करीब 3000 अतिक्रमणकारियों ने पुलिस दल के मौके पर पहुंचने पर उस पर पथराव किया और फिर गोली चलाई। उन्होंने बताया कि जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े और फिर गोली चलाई।
सीएम अखिलेश ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। उनके निर्देश पर कमिश्नर आगरा प्रदीप भटनागर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह जानकारी सरकारी प्रवक्ता ने देर रात दी।
20 लाख की मदद
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा के प्रकरण में शहीद हुए एसओ संतोष यादव के परिवार को 20 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।