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भारत में पिछले 2 महीनों में कच्चे स्टील का उत्पादन घटा

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नई दिल्ली। चीन और अमेरिका में बढ़ते उत्पादन के बीच भारत में बीते वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में कच्चे स्टील का उत्पादन दो महीने घटा है। जनवरी के बाद मार्च में भी उत्पादन कम रहा।

इस साल मार्च में कच्चे स्टील का घरेलू उत्पादन एक प्रतिशत घटकर 94.12 लाख टन रह गया। विश्व स्टील संघ की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने एक साल पहले इसी महीने 95.06 लाख टन स्टील का उत्पादन किया था।

जनवरी के बाद यह दूसरा मौका है, जब कधो स्टील का उत्पादन घटा है। देश में जनवरी में कच्चे स्टील के उत्पादन में 1.9 प्रतिशत गिरावट, जबकि फरवरी में उत्पादन 2.3 प्रतिशत बढ़ा था।

भारत के उलट चीन में मार्च के दौरान कच्चे स्टील का उत्पादन सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़ा है। इस दौरान अमेरिका में भी स्टील उत्पादन 5.7 प्रतिशत बढ़ा। स्टील संघ के मुताबिक मार्च में वैश्विक स्तर पर कच्चे स्टील का उत्पादन 15.5 करोड़ टन रहा, जो मार्च 2018 के 14.77 करोड़ टन के मुकाबले 4.9 प्रतिशत अधिक है।

उत्पादन एक नजर में

देश मार्च 2019 मार्च 2018

भारत 94.12 95.06

चीन 803.3 730.5

जापान 91 91

अमेरिका 78 67.53

(सभी आंकड़े लाख टन में)

लाख टन रहा जो पिछले साल मार्च के मुकाबले 5.7 प्रतिशत अधिक है।

लौह अयस्क के भाव बढ़े

जिंसों पर वर्ल्ड बैंक की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक 2019 की जनवरी-मार्च अवधि में लौह अयस्क की कीमतें 16.2 प्रतिशत बढ़ी है। इसका मुख्य कारण ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में आपूर्ति बाधित होना है। चीन में ताजा राजकोषीय प्रोत्साहन से भी लौह अयस्क की मांग बढ़ने और कीमतों को समर्थन मिलने की उम्मीद है। लौह अयस्क की कीमतों पर चीन का दबदबा रहेगा क्योंकि दुनिया के आधे स्टील और लौह अयस्क की खपत में 60 प्रतिशत का योगदान चीन का ही रहता है।

आगे और तेजी का अनुमान

ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में प्रमुख खदानों से आपूर्ति बाधित होने और चीन में राजकोषीय प्रोत्साहन की वजह से स्टील की खपत बढ़ने के कारण इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में में लौह अयस्क की कीमतें 11.4 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान हैं। इस पूर्वानुमान में खास तौर पर चीन में पर्यावरण नीतियों को नए सिरे से लगाम जैसे कुछ नकारात्मक पहलुओं का योगदान भी रह सकता है, जिससे स्टील उत्पादन में बाधा आ सकती है।

तेजी की यह वजह

चीन के स्टील वायदा के समर्थन से लौह अयस्क की कीमतों में तेजी आई। पूर्वानुमान में भारतीय लौह अयस्क की कीमतें नरम बताई गई हैं।

ओडीशा के खनिकों द्वारा उत्पादन में वृद्घि और चीन के स्टील निर्माताओं की तरफ से निचले दर्जे की अयस्क की मांग के कारण पैलेट के भाव गिरने की वजह से लौह अयस्क के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू भाव में फिलहाल विरोधाभास बना हुआ है।

घरेलू लौह अयस्क की कीमतें दबाव में रहने से गैर-एकीकृत स्टील कंपनियों को फायदे की उम्मीद की जा रही है। एनएमडीसी के मामले में अधिसूचित दाम दबाव में रह सकते हैं।

हालांकि अंतरराष्ट्रीय कीमतें अधिक रहने से कर्नाटक में ई-नीलामी से लाभ और निर्यात आय मजबूत बने रहने की उम्मीद है।

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