लखनऊ: एक तरफ सावन का महीना दूसरी तरफ हरियाली तीज जैसा पवित्र व्रत भक्तों के लिए सारी खुशियां एक साथ लेकर आने वाला है। इस बार 11 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी, इस दिन शिव योग भी है।
हर वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज या श्रावणी तीज के नाम से जाना जाता है। इस दिन सभी भक्त मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। हरियाली तीज को कुछ जगहों पर कजरी तीज भी कहा जाता है। शुक्र ग्रह इस दिन कन्या राशि में पूर्वाहन 11:32 पर प्रवेश करेगा। उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और शिव योग इस बार पूजन अर्चन को और विशेष बना रहा है।
माता पार्वती और भगवान शंकर के पूजन अर्चन के पीछे एक पौराणिक मान्यता भी है। कहा जाता है कि इसी दिन माता पार्वती और भगवान शिव का मिलन हुआ था। इसी की याद में यह व्रत किया जाता है। महिलाएं पूर्ण सिंगार करके विधिवत पूजन करती हैं। इस दिन हाथों और पैरों में कलात्मक तरीके से मेहंदी भी लगाई जाती है। हरियाली तीज के एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है। इस दिन नवविवाहिता लड़की को ससुराल की तरफ से आभूषण, वस्त्र, श्रृंगार, मेहंदी, मिठाई इत्यादि भेजी जाती है। हरियाली तीज के दिन मेहंदी लगाने का एक अलग विशेष महत्व होता है।
शास्त्र कहता है कि हरियाली तीज के दिन तीन बातों को जरूर त्याग देना चाहिए। पहला- पति से छल कपट, दूसरा- झूठ और दुर्व्यवहार, तीसरा- परनिंदा. ऐसा करने से जीवन में खुशियां आती है और ईश्वर की कृपा सब पर बनी रहती है। राजस्थान में हरियाली तीज के दिन एक विशेष कार्यक्रम होता है। इस दिन जयपुर में तीज माता की सवारी निकाली जाती है और मेला भी आयोजित किया जाता है। राजस्थान का प्रसिद्ध नृत्य घूमर भी होता है।
ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा।
बालाजी ज्योतिष अनुसंधान संस्थान,बरेली।