बागपत। यूपी में भले ही अवैध खनन को लेकर भले ही बीजेपी ने सपा सरकार पर निशाना बनाया हो लेकिन बीजेपी राज में भी अवैध खनन का काला कारोबार चल रहा है। स्टॉक की आड़ में बड़ी-बड़ी मशीने यमुना का सीना चीर रही हैं और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना तमाशा देख रहा है।
बता दें कि बीजेपी ने सत्ता हासिल करते हुए अवैध खनन के काले करोबार पर नकेल कसने के लिए बड़े-बड़े कदम उठाए और यूपी में सभी खनन बंद कर दिए और साथ ही बीजेपी के किसी भी नेता की खनन में संलिप्तता पर उनके अधिकार खत्म करने की नसीहत भी दी, लेकिन जैसे -जैसे समय बीत रहा है वैसे ही खनन माफिया सामने आने लगे हैं। सरकार ने खनन के पट्टे आवंटित कर दिए हैं और बीजेपी नेताओं ने माफियों की मदद से खानन शुरू कर दिया है।
वहीं बागपत और गाजियाबाद की सीमा पर बसे नौरसपुर गांव के पास खनन मफियाओं ने यमुना खादर में बड़ी-बड़ी मशीने उतार दी हैं और खनन किया जा रहा है। जिसमें गाजियाबाद और बागपत प्रशासन की मिलीभगत सामने आ रही है। दो जनपद की सीमा का फायदा खनन माफिया ही नहीं अधिकारी भी उठा रहे हैं। गाजियाबाद के अधिकारी बागपत में खनन बताते हैं तो बागपत के अधिकारी गाजियाबाद में जिसके कारण खनन का काला कारोबार चरम पर है।