नई दिल्ली। ये तो सभी जानते हैं कि केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति नहीं है। लेकिन अब इस मामले में पांच जजों की एक संविधान पीठ विचार करेगी। इसमामले में तान जजों ने शुक्रवार को इस संबंध में फैसला सुनाते हुए संविधान के पांच जजों को ये फैसला भेज दिया गया।
बता दें कि केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा था कि संविधान में इस तरह के भेदभाव की इजाजत नहीं है। संविधान पीठ धार्मिक संस्था के धर्म के मौलिक अधिकार और एक व्यक्ति के बराबरी और धार्मिक आजादी के मौलिक अधिकार पर विचार करेगी।
वहीं इंडियन यंग लायर्स एसोसिएशन ने कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर मे महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लिंग आधारित भेदभाव बताया है। याचिका मे सभी उम्र की महिलाओं को बिना किसी भेदभाव के मंदिर में प्रवेश का हक दिए जाने की मांग की गई है।