कहा जाता है कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, बाल न बांका कर सके जो जग बैरी होय। जी हां ये खबर भी कुछ ऐसी ही है, जहां स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी जैसी दुर्लभ बीमारी से हैदराबाद का तीन वर्षीय अयांश पीड़ित है। जिसे दुनिया की सबसे महंगी दवाओं में से एक जोल्गेन्स्मा दी गई है।
क्राउड फंडिंग के जरिए रुपए जुटाए
बता दें कि अयांश के माता-पिता ने ये दवा 16 करोड़ रुपए में खरीदी है। और ये रुपए उन्होंने क्राउड फंडिंग के जरिए इकट्ठा किए हैं। जिसके लिए करीब 65 हजार लोगों ने दान किया। ये दवा अमेरिका के नोवार्टिस से इंपोर्ट होकर 8 जून को भारत लाई गई। यही नहीं केंद्र सरकार ने इस पर इंपोर्ट ड्यूटी भी माफ कर दी। नहीं तो दवा की कीमत 6 करोड़ रुपये और बढ़ जाती।
65 हजार लोगों की मदद आई काम
दरअसल अयांश के माता-पिता ने 4 फरवरी से क्राउड फंडिंग के जरिए रुपया इकट्ठा करना शुरू किया। सोशल मीडिया के अलावा कई प्लेटफॉर्म पर मदद की अपील के साथ पोस्ट शेयर किए। और इतनी बड़ी रकम को जुटाने का अभियान शुरू किया। उनके कई दोस्त और शुभचिंतक ने इसमें सहयोग किया।
सभी लोगों का जताया आभार
अयांश के पिता योगेश ने सभी लोगों का आभार जताया जिन्होंने दुनिया की सबसे महंगी दवाओं में से एक को मंगाने के लिए उनकी मदद की। योगेश के मुताबिक इतनी बढ़ी रकम जुटाना आसान नहीं था। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि क्राउड फंडिंग के जरिए इतनी मदद मिलेगी।