नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एचएस फूलका ने गुरुवार को नई दिल्ली में पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से मिलकर उन्हें पार्टी की सदस्यता से अपना त्याग पत्र सौंप दिया। इस संबंध में फूलका ने ट्विटर पर जानकारी देते हुए लिखा कि मैंने आप से इस्तीफा दे दिया है और अपना इस्तीफा केजरीवाज जी को सौंप दिया।
नहीं बताया कोई कारण
हालांकि उन्होंने मुझे इस्तीफा न देने के लिए कहा लेकिन मैंने इस्तीफा स्वीकार करने पर जोर दिया। फूलका ने केजरीवाल को सौंपे अपने इस्तीफे में पार्टी छोड़ने का कोई कारण नहीं लिखा और दो लाइन के इस्तीफे में केवल इतना ही लिखा- मैं आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। आपने मुझे पार्टी की सेवा का अवसर प्रदान किया, इसके लिए मैं आपका आभारी हूं। फूलका ने ट्विटर पर यह भी लिखा कि वे शुक्रवार को दिल्ली में एक प्रेस कांफ्रेंस करके अपने इस्तीफे के कारणों की जानकारी देंगे।
आप से विधायक है फूलका
उल्लेखनीय है कि 1984 के सिख दंगों के मामले में लंबे अरसे से सुप्रीम कोर्ट में पीड़ितों की पैरवी कर रहे एचएस फूलका ने जनवरी, 2014 में आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की और उसी साल लुधियाना लोकसभा सीट से चुनाव भी लड़ा लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी रवनीत सिंह बिट्टू से हार गए। इसके बाद जुलाई, 2017 में उन्होंने दाखा विधानसभा सीट से आप के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते।
पार्टी ने उन्हें पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद सौंपा। लेकिन उन्होंने सिख दंगा मामलों के केसों की पैरवी को महत्व देते हुए विपक्ष के नेता का पद त्याग दिया। उसके बाद बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच फूलका ने एलान किया कि अगर आप ने कांग्रेस से हाथ मिलाया तो वे पार्टी छोड़ देंगे।
हालांकि ऐसी नौबत नहीं आई, लेकिन बेअदबी मामलों में जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट के आधार पर बादल पिता-पुत्र और तत्कालीन पुलिस प्रमुख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर फूलका ने कांग्रेस के उन कैबिनेट मंत्रियों को इस्तीफा देने की चुनौती दी, जो विधानसभा में इस मुद्दे पर सब कुछ त्याग देने की बात कर रहे थे। कैबिनेट मंत्रियों से इस्तीफे दिलाने के लिए उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा स्पीकर को सौंप दिया, जिस पर फैसला अभी लंबित है।