एक तरफ कोरोना की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं, वहीं अब निपाह वायरस के बुखार ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, चलिये जानते हैं कि आखिर निपाह वायरस है क्या? ये एक जूनोटिक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है। इसके बारे में पहली बार साल 1999 में मलेशिया में फैलने के बाद इसके बारे में जाना गया।
आपको जानकर हैरानी होगी कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के अनुसार, 1999 में लगभग 300 इंसानों में इसके मामले पाये गये साथ ही 100 से अधिक मौतें हुई। जिसने पूरे सिंगापुर को प्रभावित किया।
आपको बता दें कि निपाह वायरस साफ खाना ना होने और संक्रमण से भी फैल सकता है । इतना ही नहीं ये इंसानों के साथ- साथ जानवरों को भी प्रभावित कर सकता है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह वायरस सूअरों में ज्यादा देखा गया है। चलिये अब जान लेते हैं कि निपाह वायरस के लक्षणों की पहचान कैसे करें।
बुखार
सिर दर्द
मांसपेशियों में दर्द
उल्टी
गले में खरास
इसके अलावा इसके गंभीर लक्षणों की बात करें तो भ्रम, कोमा एन्सेफलाइटिस जैसे गंभीर लक्षण हो सकते हैं। चलिये जान लेते हैं कि ये संक्रमण कितने दिनों में फैलता है तो ये 4 से 14 दिनों के बीच इसके शुरुआती लक्षण आपको नजर आ सकते हैं। इसके अलावा कुछ केस में 45 दिनों तक का भी समय लगा है।
साथ ही आपको बता दें कि भी निपाह वायरस का कोई इजेक्शन नहीं है, तो ये कहना गलत नहीं होगा कि सावधानी में ही समझदारी है। वहीं WHO ने इसे रोकने के लिये कुछ बातें बताई हैं जो आपको पता होना जरुरी है।
जैसे कि फल लेते समय वही फल लें जिसमें चमकादड़ के काटने का निशान ना हो। साथ बीमार ही जानवरों को संभालते समय दस्ताने, मास्क का प्रयोग करें। सुअर और चमगादड़ के संपर्क में आने से बचें।
उन जगहों पर जानें से बचें जहां चमगादड़ बसती हों। अगर आप इन बातों का ध्यान रखते हैं तो आप निपाह वायरस से बच सकते हैं।