किकई लोगों को जरुरत से ज़्यादा सोचने की आदत होती है, चाहे बात छोटी ही क्यों न हो, उन्हें ज्यादा सोचने की आदत होती है। लेकिन क्या आपको पता है आपकी ये आदत आपको मानसिक रुप से बीमार कर सकती है
जी हां छोटी सी लगने वाली ये आदत आपको मानसिक रुप से बीमार कर सकती है। इसलिये फ्युचर की टेंशन लेकर ज्यादा ना सोचें। ज्यादातर महिलाओं में ये समस्या अधिक देखी जाती है कि वो अगले दिन को लेकर बहुत अधिक सोचती हैं।
जैसे सुबह नाश्ते में क्या बनाएं, खाना क्या बनेगा, टिफिन में क्या रखना है। धीरे-धीरे ये आदत हर बात पर लागू होने लगती है। और आपकी मानसिक स्वास्थ को प्रभावित करने लगती है।
चलिये जान लेते हैं ये कुछ कारण जिनका आप शिकार हो सकते हैं।
- एकाग्रता में परेशानी
- काम पर ध्यान न दे पाना
- अनिच्छा के कारण काम में टालमटोल
- अनिर्णय
- नींद में खलल
- अशांत मनोदशा और व्यवहार
- ऊर्जा के स्तर में परिवर्तन
- आत्मविश्वास में दिक्कत
- जीवन की समग्र गुणवत्ता में गड़बड़ी
- भावनात्मक रूप से उदास और निराश महसूस करना
जरुरत से ज्यादा सोचना कैसे रोकेंऐसा कौन है, जिसने कोई रात बिना नींद के किसी समस्या या तनाव से जूझते हुए न गुजारी हो. यह असल में एक समस्या है और जितना हम समझते हैं, उससे कहीं ज्यादा आम है. हालांकि, अच्छी बात ये है कि इसे थोड़े प्रयास और ध्यान से समझा और हल किया जा सकता है.। दोनों विशेषज्ञ आपके आस-पास के लोगों के महत्व और कभी-कभी पेशेवर मदद पर भी जोर देने के साथ-साथ ओवरथिंकिंग को संबोधित करने के लिए टूल्स बताते हैं.
- ओवरथिकिंग पर काबू पाने के लिये लें सपोर्ट सिस्टम, प्रोफेशनल हेल्प और सेल्फ-हेल्पकामना छिब्बर कहती हैं, “ऐसी स्थितियों में मदद पाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है, खासतौर पर अगर यह बार-बार होता है, मित्रों और परिवार से जुड़कर और उनके हस्तक्षेप के माध्यम से समस्या को जानने और उसके बारे सही फैसला लेने में मदद मिल सकती है. हालांकि, अगर ये बने रहते हैं और कामकाज को भी बाधित करते हैं, तो इसके विशेषज्ञ से जुड़ना मददगार होगा.।