देश वैसे ही कोरोना के कहर से परेशान है ऊपर से आज तक एक नई समस्या देखने को मिल रही है और वो है टि्ड्डी की समस्या। पाकिस्तान से आयी हुई इन टिड्डियों ने किसान से लेकर सरकार तक की नाक में दम किया हुआ है।
इस बीच अगर आप भी टड्डी के कहर से अपने खेत को बचाना चाहते हैं तो हमारे पास आपके लिए एक सॉलिड तरीका है। जिसे आजमाकर आप टिड्डियों से निजात पा सकते हैं।
हरे भरे खेतों को देखते ही देखते चट करने वाली टिड्डी पिछले साल जब पाकिस्तान में कहर बरपा रही थी तो वहां सिंध के मंत्री मोहम्मद इस्माइल ने लोगों को टिड्डी की बिरयानी खाने की सलाह दी थी।
तब दुनियाभर में टिड्डी हमले पर काबू नहीं पाने और ऐसी सलाह पर पाकिस्तान की जमकर किरकिरी हुई थी।
लेकिन अब वैसी ही स्थिति देश में है और यहां भी टिड्डी दल रेगिस्तानी इलाकों से निकलकर जयपुर और दिल्ली जैसे शहरों तक पहुंच गए हैं।
इसी बीच अब पाकिस्तनी मंत्री जैसी सलाह भारत के कुछ हेल्थ एक्सपर्ट भी कर रहे हैं।
दरअसल, कुछ मिनटों में पूरे खेत की फसल चट करने वाली इन टिड्डियों को कई देशों में व्यंजन के रूप में खाया जाता रहा है।
इसमें पाये जाने वाले फाइटोस्टीरॉल को दिल की बीमारी में फायदेमंद बताया गया है। यह खून में कॉलेस्ट्रॉल को घटाता है।
यही कारण है कि खाड़ी देशों में टिड्डी की बिरयानी ही नहीं कई अन्य रेसिपी भी तैयार होती हैं और इसे बड़े चाव से खाया जाता है।
कहां से पैदा हुई टिड्डी?
उत्तरी हिंद और अरब सागर में 2018 में आए साइक्लोनों की वजह से सऊदी अरब में मौसम में भारी फेरबदल हुआ था।
वहां बारिश के बाद रेगिस्तानी इलाकों में भी पानी भर गया था। यह वहीं अरब रेगिस्तान है जहां टिड्डी पायी जाती थी और इस मौसम में बदलाव के बाद वहां भयंकर टिड्डी दल सामने आए।
अनियंत्रित यही टिड्डी दल अरब से यमन और ओमान पहुंचे गए। वहां भी बारिश ने टिड्डी को पनपने का मौका दिया।
अब हवा के रूख के चलते पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंच चुकी टिड्डी दल किसानों में हड़कंप मचाए हुए हैं।
जिसकी वजह से किसानों के कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें, टिड्डी ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रह सकती हैं।
https://www.bharatkhabar.com/bravery-of-security-forces-in-pulwama-jammu-and-kashmir/
टिड्डी की उम्र मात्र 90 दिन होती है। और वो प्रतिदिन अपने शरीर के बराबार भोजन खाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि, टिड्डी के कहर का असर 60 देशों पर पड़ रहा है।