नई दिल्ली। हरियाणा के गुरुग्राम में स्थित फोर्टिस अस्पताल ने डेंगू से पीड़ित एक सात साल की बच्ची के इलाज के लिए उसके माता-पिता से 18 लाख रुपये इलाज के लिए हड़प लिए थे, लेकिन इसके बावजूद भी अस्पताल वाले बच्ची की जान नहीं बचा सके। इस मामले को लेकर उठे बवाल के बात अब हरियाणा के स्वास्थय मंत्री अनिल विज ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल की जमीन की लीज को रद्द करने का आदेश दिया है। अनिल विज ने हरियाणा अर्बन अर्थॉरिटी को पत्र लिखकर फोर्टिस अस्पताल की जमीन की लीज को रद्द करने का आदेश देते हुए अस्पताल के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ-साथ ब्लड बैंक का लाइसेंस भी रद्द करने के लिए नोटिस जारी किया है।
अनिल विज ने कहा कि अब लोग निजी अस्पतालों की लूट, गुंडागर्दी और लापरवाही के खिलाफ खड़े हो चुके हैं इसलिए अस्पतालों और डॉक्टरों को अपने रवैये में सुधार लाना चाहिए। दरअसल दिल्ली के द्वारका निवासी जयंत सिंह की सात वर्षिय बेटी आद्या सिंह को डेंगू हो गया था, जिसके चलते उसके परिजनों ने उसे गुरुग्राम के फॉर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया था। इसके बाद अस्पताल ने आद्या के बिल के लिए 20 पन्नों का पर्चा तैयार किया था जिसमें अकेले 4 लाख का तो सिर्फ दवाई का बिल ही था अस्पताल ने बिल में 2700 ग्लब्स, 660 सीरिंज और 900 गाउन के पैसे भी शामिल किए थे। इसमें डॉक्टर की फीस 52 हजार रुपए , दो लाख 17 हजार के मेडिकल टेस्ट का बिल भी तैयार किया गया, जिसके चलते आद्या की जिंदगी बचाने के लिए अस्पताल ने परिजनों से 18 लाख रुपये इलाज के नाम पर हड़प लिए थे, लेकिन इसके बावजूद भी अस्पताल आद्या कि जिंदगी नहीं बचा सका।
गौरतलब है कि गुरुवार को ही दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार न मैक्स अस्पताल द्वारा एक नवजात बच्चे को मृत घोषित करने के मामल में शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पाताल का लाइसेंस रद्द कर दिया था। दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सत्येंद्र जैन ने अस्पताल का लाइसेंस रद्द करते हुए कहा था कि हॉस्पिटल द्वारा नवजात को मृत घोषित किए जाने की घटना को कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता। वहीं मैक्स अस्पताल के हाल ही में 22 हफ्ते के जिंदा नवजात बच्चे को मृत बताकर माता-पिता को सौंपने के मामले में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन मैक्स अस्पताल और डॉक्टरों के पक्ष में आकर खड़ा हो गया था।