नई दिल्ली। हरियाणा में जाट आरक्षण पर अंतरिम रोक लगाते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरूवार को राज्य सरकार से जबाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 21 जुलाई को होगी।
हरियाणा सरकार ने जाटों के हिंसक आंदोलन के बाद 29 मार्च को राज्य में जाट, जट सिख, रोड़, बिश्नोई, त्यागी और मुल्ला/मुस्लिम जाट को पिछड़ा वर्ग की नई कैटेगरी बीसी(सी) के तहत आरक्षण का लाभ देने का प्रावधान किया था। विधानसभा में पारित बिल के मुताबिक आरक्षण में शामिल किए गए नए नियमों को सरकार की मंजूरी मिल गई थी। सरकार ने इस बिल को अधिसूचित कर दिया था। सरकार की ओर से बीसी सी श्रेणी में जाट सहित 6 जातियों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान तय किया गया है।