स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को 5वें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) का विमोचन किया. जिसमें भारत और उसके राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है.
सर्वेक्षण के अनुसार-
पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नवजात शिशुओं तथा पांच साल से कम उम के बच्चों की मृत्युदर कम हुई है, वहीं 16 राज्यों में पांच साल से कम उम्र के ऐसे बच्चों के प्रतिशत में इजाफा हुआ है जिनका वजन बहुत कम है. सर्वेक्षण 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया गया है.
पहला फेज़-
17 राज्यों और 5 केंद्रिय शासित प्रदेश (असम, बिहार, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, केरल, लक्षद्वीप, दादरा नगर हवेली और दमन और दीव) के परिणाम फेज-1 जारी किए गए हैं.
दूसरा फेज़-
शेष 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करने वाले दूसरे चरण में सीओवीाइड-19 के कारण उनका फील्डवर्क निलंबित कर दिया गया था, जिसे नवंबर से फिर से शुरू कर दिया गया है और मई 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है.
बच्चों के बीच टीकाकरण कवरेज में सुधार
विज्ञप्ति में कहा गया है कि एनएफएचएस-4 (2015-16) पर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संकेतकों में पर्याप्त सुधार वर्तमान सर्वेक्षण में दर्ज किया गया था. इसमें कहा गया है कि प्रजनन दर में और गिरावट आई है, गर्भनिरोधक उपयोग बढ़ा है और ज्यादातर फेज-1 राज्यों में अपूर्ण जरूरत को कम किया गया है. सर्वेक्षण में सभी राज्यों और केंद्र स्तर पर 12-23 महीने की आयु के बच्चों के बीच टीकाकरण कवरेज में काफी सुधार पाया गया.
महिला सशक्तिकरण में प्रगति
विज्ञप्ति में कहा गया है कि महिला सशक्तिकरण संकेतक (बैंक खाते वाली महिलाओं सहित) में भी काफी प्रगति का चित्रण किया गया है.