पाकिस्तानी आतंकवीदी संगठन दमात-उद-दावा और जैश-ए-मोहम्मद भारत में अशांति फैलाने के उद्देश्य से सिख आतंकवादियों का समर्थन कर रहेल हैं। हाल ही में लश्कर संस्थापक हाफिज सईद की एक तस्वीर सामने आई है जिसमें उसके साथ सिख आतंकवादी लीडर गोपाल सिंह चावला भी नज़र आ रहा है। खबर है कि यह तस्वीर लाहौर की है जहां दोंनों ने एक-दूसरे से मुलाकात की।
बीते दिनों बैशाखी के मौके पर पाकिस्तान स्थित पांजा साहिब गुरुद्वारा में भारतीय अधिकारियों को प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी। भारतीय ऑफिसर्स के प्रवेश पर यह प्रतिबंध सिंह आतंकवादी गोपाल सिंह चावला के निर्देशों के तहत लगाया गया था।
इससे पहले भी 12 अप्रैल को भारतीयों अधिकारियों को वाघा बॉर्डर पर मौजूद हिंदू श्रद्धालुओं से मिलने नहीं दिया गया था। बैशाखी के मौके पर करीब 1800 भारतीय श्रद्धालुओं का जत्था पाकिस्तान में तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए आया था। भारतीय अधिकारी एख मानक अभ्यास के रूप में श्रद्धालुओं की मदद के उद्देश्य से उनसे मिलने पहुंचे थे लेकिन उनको मिलने नहीं दिया गया।
पाकिस्तान में भारत विरोधी प्रचार चलाने के लिए, सिख आतंकवादियों ने पवित्र सिख तार्थ स्थल पांजा साहिब गुरुद्वारा के परिक्रमा में सिख जनमत संग्रह 2020 के पोस्टर भी रखे थे।
भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को भी पांजा साहिब गुरुद्वारा से अनिर्दिष्ट सुरक्षा कारणों के लिए वापस जाने कि लिए मजबूर किया गया था।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इसे वियना कन्वेंशन के उल्लंघन में एक “अभूतपूर्व राजनयिक असंतोष” के रूप में वर्णित किया है। इसके साथ ही मंत्रालय का कहना है कि यह एक-दूसरे के राजनयिकों के इलाज के लिए 1992 में बने प्रटोकॉसल का भी उल्लंघन है। जिसकी हाल ही में दोंनों देशों के बीच ‘पुन: पुष्टि’ हुई है।
पाकिस्तान की आतंकवादी संगठनों ने देश की खुफिया एजेंसियों के संरक्षण में काम किया है, जिसमें भारत की छवि को खराब करने के लिए इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) शामिल है। वे इन संगठनों का उपयोग भारत के खिलाफ एक प्रॉक्सी युद्ध के लिए करते हैं और देश के भीतर परेशानियां पैदा करते हैं।