गुजरात। गुजरात कांग्रेस में इन दिनों खलबली मची हुई है। गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने शुक्रवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। उन्हें पिछले लंबे वक्त से कांग्रेस पार्टी से नाराजगी चल रही थी। लेकिन वाघेला का ऐसा करना कांग्रेस पार्टी से लिए काफी बुरा साबित हो सकता है। इस साल के अंत में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में वाघेला का पार्टी से निकलना कांग्रेस पार्टी के लिए झटका साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि माना जाता है कि गुजरात कांग्रेस के पास वाघेला से बड़ा चेहरा नहीं है। इसलिए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
वाघेला ने जो भी आरोप कांग्रेस पर लगाए हैं उनपर कांग्रेस की सफाई भी आई है। संबंधित मामले में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुजेवाला ने कहा है कि वाघेला पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है और उन्हें पार्टी से भी नहीं निकाला गया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी छोड़ने का फैसला उनका है। सुरजेवाला ने कहा है कि वाघेला अगर चाहते तो उन्हें अध्यक्ष के तौर पर भी नियुक्त किया जा सकता था। वही राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कांग्रेस में क्रॉस वोटिंग की बात सामने आने के बाद वाघेला की नाराजगी कांग्रेस से और भी ज्यादा बढ़ गई।
वाघेला का पार्टी छोड़ने से बीजेपी को लाभ पहुंच सकता है। राज्यसभा चुनाव से पहले 10 से 12 विधायक कांग्रेस को एक बड़ा झटका दे सकते हैं। इससे साफ हो जाता है कि गुजरात में कांग्रेस की मुश्किल कम होने के बजाए बढ़ती नजर आ रही है। कांग्रेस का मुश्किलों में फंसने का लाभ बीजेपी को पहुंच सकता है।
शुक्रवार को वाघेला का 77वां जन्मदिन था। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ अपने जन्मदिन मनाया। वाघेला ने गांधीनगर में सम्मेलन का आयोजन किया उन्होंने इस दौरान कांग्रेस को अपने आप से मुक्त करने की बात कही है, उन्होंने कहा है कि मुझे अपने गले में कोई झंडा नहीं लगाना है। साथ ही उन्होंने साफ किया है कि कांग्रेस छोड़ने के बाद वह किसी भी दल में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा है कि वह विपक्ष के नेता के रूप में अपना इस्तीफा देता हूं। गौरतलब है कि कांग्रेस की पिछले लंबे वक्त से नाराजगी चल रही है।