जिले की महत्वपूर्ण राजमहल कोयला परियोजना में बरसात के कारण कोयला का उत्पादन लगातार गिर रहा है। प्रतिदिन 50 हजार टन कोयला उत्पादित करने वाली इस परियोजना में इन दिनों 15 हजार टन कोयला ही उत्पादित हो रहा है। बरसात में कोयला उत्पादन का प्रभावित होना लाजमी है, लेकिन यह करीब 30 हजार टन से नीचे सामान्यत नहीं गिरता है। गत वर्ष हुए भीषण खदान हादसे एवं डीजीएमएस के कड़े निर्देशों के कारण नियमों की कड़ाई से अनुपालन किया जाने से कोयला उत्पादन में आई गिरावट की स्थिति इन दिनों और भी बिगड़ चुकी है। दूसरी ओर मिट्टी कटाई का काम भी लगातार बिगड़ रहा है।
जमीन अधिग्रहण का कार्य धीमे चलने के कारण एवं भादो टोला गांव के अब तक विस्थापित नहीं हो पाने से यह समस्या हुई है। हालांकि राज्य सरकार द्वारा भादो टोला के विस्थापन के लिए जिला प्रशासन को सहयोग का निर्देश दिया गया है तथा इसके लिए दण्डाधिकारी की नियुक्ति कर ग्रामीणों की समस्याओं को हल करने का प्रयास जारी है।
परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी अरूण कुमार झा ने बताया कि गांव के विस्थापन के लिए आरएण्डआर पॉलसी के तहत सभी सुविधाएं पुनर्वास स्थल पर दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही समस्याओं को दूर कर लिया जाएगा। कोयला उत्पादन घटने का सीधा असर एनटीपीसी फरक्का एवं कहलगांव पर पड़ा है तथा उनका कोयले का बफर स्टॉक कम होने लगा है। एनटीपीसी के एजीएम एसएम झा ने बताया कि जल्द ही कोयले की आपूर्ति नहीं सुधरी तो चार राज्यों में विद्युत संकट हो सकता है।