featured Breaking News देश राज्य

अहमदाबाद अस्पताल मामला: आंकड़ा बढ़ा, 3 दिन में हो चुकी है 18 नवजात शिशुओं की मौत

hospital अहमदाबाद अस्पताल मामला: आंकड़ा बढ़ा, 3 दिन में हो चुकी है 18 नवजात शिशुओं की मौत

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमवा बोल रही है। ऐसे में विपक्षियों को एक और मुद्दा बीजेपी पर निशाना साधने का मिल गया है। दरअसल जानकारी है कि गुजरात के अहमदाबाद में सिविल अस्पताल में शुक्रवार से शनिवार रात तक 9 नवजात बच्चों की मौत हुई है और अब यह मुद्दा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।

hospital अहमदाबाद अस्पताल मामला: आंकड़ा बढ़ा, 3 दिन में हो चुकी है 18 नवजात शिशुओं की मौत

शुक्रवार रात से शनिवार रात तक जहां 9 बच्चों के मरने की खबर आई थी वही पिछले तीन दिनों को मिलाकर बात की जाए तो यहां पर 18 बच्चे मौत के मुंह में जा चुके हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से मामले में जांच के लिए तीन सदस्सीय टीम गठित की गई है। जानकारी है प्रति दिन औसत यहां बच्चों की मौत का सिलसिला 5-6 है लेकिन 24 घंटों में 9 बच्चों की मौत समान्य बात नहीं है। वही जानकारी है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाए हैं जिस कारण अन्य अस्पतालों से मरीजों को यहां पर रेफिर किया जाता है।

जानकारी है कि मृतकों की मेडिकल हिस्ट्री की जांच की जा रही है तथा जानकारी इस प्रकार भी है कि घटना के वक्त सभी डॉक्टर्स और नर्स इंटेन्सिव केयर में अपना काम कर रहे थे। बता दें कि यह गुजरात में बच्चा का सबसे आखिरी रेफरल सेंटर है और यहां पर 100 बेड हैं। इस घटना के बाद से ही बीजेपी पर आरोप लगाने का सिलसिला शुरु हो गया। हालांकि अस्पताल प्रशासन का इस घटना के बारे में कहना है कि यह कोई असामान्य घटना नहीं है। जिन नवजात बच्चों की मौत हुई है उनमें से पांच नवजातों को बाहर के अस्पताल से इस अस्पताल में रेफर किया गया था। लेकिन अन्य चार बच्चे इस अस्पताल में ही पैदा हुए थे। बताया जा रहा है कि बच्चे घातक बिमारियों से ग्रस्त थे।

इस मामले के बाद कांग्रेस ने सीधा बीजेपी को अपने निशाने पर लिया। इस सिलसिले में सबसे पहले कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल सामने आए। उन्होंने ट्वीट किया कि इस घटना के लिए गुजरात सरकार को जवाब देना होगा, सरकार यह स्वीकार करे कि डॉक्टरों की लापरवाही के कारण यह हुआ है या फिर यह मान ले कि मृतकों की माताएं कुपोषित थीं। उन्होंने इस मामले पर दुख व्यक्त किया है।

वही दूसरी तरफ अस्पताल की तरफ से कहा गया है कि कम वजन होने के कारण बच्चों की मौत हुई है। जानकारी है कि मृतक नवजातों का वजन एक किलो या उससे भी कम था। बता दें कि सामान्य बच्चे का वजन 2.5 किलो होना चाहिए। फिलहाल यह मामला राजनीति में लगातार सक्रिय होता जा रहा है।

Related posts

जवाहरबाग में निरंजन ज्योति को घुसने से रोका गया

bharatkhabar

सुशांत केस को लेकर बोली कंगना, फांसी लगा लूँ तो खुदकुशी नहीं

Ravi Kumar

‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने वाले एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को बीजेपी ने बताया शेर

rituraj