नई दिल्ली:संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से राम मंदिर बनाए जाने की बात को खुलकर कहा है। भागवत ने कहा है कि सरकार को कानून बनाकर राम मंदीर का निर्माण कराना चाहिए। भागवत ने ये भी कहा कि जल्द से जल्द राम मंदिर बनना चाहिए। संघ प्रमुख बोले- स्व गौरव की दृष्टि से यह आवश्यक है और मंदिर बनने से देश में सद्भावना और एकात्मता का वातावरण बनेगा।
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बता दें राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) आज नागपुर में विजयदशमी पर्व मना रहा है। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने पहले शस्त्र पूजा की और फिर लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में भागवत ने महात्मा गांधी और गुरु नानक का जिक्र करते हुए भारतीय सेना को मजबूत बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज में सब त्रुटियों को दूर कर उसके शिकार हुए समाज के अपने बंधुओं को स्नेह व सम्मान से गले लगाकर समाज में सद्भावपूर्ण व आत्मीय व्यवहार का प्रचलन बढ़ाना चाहिए।
मोहन भागवत ने अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति वर्ग से संबंध रखने वाले वंचित समूह और प्रताड़ित लोगों को मजबूत करने की बात कही। उन्होंने अर्बन नक्सल की अवधारणा का जिक्र करते हुए कहा कि देश में चले छोटे आंदोलनों में भारत तेरे टुकड़े होंगे कहने वाले भी दिखाई दिए। उन्होंने कहा, दृढ़ता से वन प्रदेशों में अथवा अन्य सुदूर क्षेत्रों में दबाये गये हिंसात्मक गतिविधियों के कर्ता-धर्ता और पृष्ठपोषण करने वाले अब शहरी माओवाद अर्बन नक्सलिज्म के पुरोधा बनकर राष्ट्रविरोधी आन्दोलनों में अग्रपंक्ति में दिखाई देते हैं। इस पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इनका खूब प्रचार चल रहा है और इसका कंटेंट पाकिस्तान, इटली और अमेरिका से आ रहा है।
भागवत ने यह भी कहा कि पारिवारिक क्लेश से बचें और स्नेह, सद्भाव से समाज को बदले। घर के लोगों में संस्कार डालें। अपना चिंतन और व्यवहार ठीक करें। अपने प्रकृतिस्वभाव पर पक्का व स्थिर रहकर ही कोई देश उन्नत होता है। अंधानुकरण से नहीं।
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