लखनऊ: राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने बड़ा फेरबदल करते हुए छत्रपति शाहूजी महाराज युनिवर्सिटी कानपुर और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपतियों को बदल दिया है।
कानपुर युनिवर्सिटी के लिए इनको मिला कार्यभार
राज्यपाल ने जहां छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के लिए प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को नियुक्त किया है वहीं ख्वाजा मोइनुद्ददीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के लिए प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला को नियुक्त किया है। पिछले काफी दिनों से विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के तबादले की मांग की जा रही थी।
बता दें कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में नियुक्त किए गए कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, लखनऊ के एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी में कुलपति का कार्यभार संभाल रहे थे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा उन्हें कानपुर युनिवर्सिटी में तीन साल के लिए नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल ने इस्तेमाल की विशेष शक्ति
इसके साथ ही वो दो दो विश्वविद्यालयों को कार्यभार संभालेंगे। प्रोफेसर विनय कुमार पाठक एपीजे अब्दुल कलाम युनिवर्सिटी का कार्यभार भी देखते रहेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-12 की उपधारा-एक में मिली अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए ये फैसला किया है।
बता दें कि इससे पूर्व प्रोफेसर विनय कुमार पाठक कोटा विश्वविद्यालय में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं और वे वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी में कुलपति रह चुके हैं। प्रोफेसर विनय कुमार पाठक उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए अपने किए गए कामों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने शोध क्षेत्र में काफी काम किए हैं।
भाषा विश्वविद्यालय के लिए इन्हें मिली जिम्मेदारी
वहीं ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति बनाए गए प्रोफेसर अनिल कुमार शुक्ला का भी शिक्षा के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान रहा है।
इससे पूर्व वो विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ साथ रोहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली के भी कुलपति रह चुके हैं। उनके कामों को देखकर ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उन्हें ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ का कुलपति नियुक्त किया है।
इन दोनों के ही कुलपति बनने से इनके गांव और परिजनों में खुशी का माहौल है। दोनों कुलपतियों को लोग फोन पर बधाइयां दे रहे हैं।