नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह की जम्मू एवं कश्मीर की प्रस्तावित यात्रा का स्वागत करते हुए कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि सरकार को वार्ता प्रक्रिया तुरंत शुरू करनी चाहिए और तय करना चाहिए कि बातचीत किसके साथ होगी। विपक्षी पार्टी ने कहा कि घाटी में शांति के लिए वार्ता ही आगे का मार्ग है न कि बंदूकें, लाठीचार्ज, अश्रु गैस के गोले और ‘पैलेट गन’ का इस्तेमाल। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, “हमने प्रधनमंत्री को सूचित किया था कि जम्मू एवं कश्मीर में स्थिति काफी खराब है। हमने उनसे वार्ता प्रक्रिया शुरू करने का निवेदन किया था। उन्हें कम से कम यह घोषणा करनी चाहिए कि वार्ता किसके साथ होगी और कब शुरू होगी?” कांग्रेस नेता कहा, “जब से कर्फ्यू लागू हुआ है तब से काफी दिन बीत चुके हैं, उन्होंने वार्ता शुरू नहीं की है। हमने यह भी उनसे कहा कि हम यह चिन्हित नहीं करेंगे कि किससे बातचीत करनी है। वे राज्य और केंद्र में सत्ताधारी हैं, उन्हें तय करना चाहिए कि किससे बातचीत करनी है।”
घाटी की स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री जम्मू एवं कश्मीर का दौरा करेंगे जहां कई हिस्सों में मंगलवार को लगातार 46वें दिन कर्फ्यू जारी रहा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री के दो दिवसीय राज्य के दौरे के दौरान केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि भी उनके साथ रहेंगे। जम्मू एवं कश्मीर के विपक्षी विधायकों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दिल्ली में कई बैठकें कीं और राज्य में बनी अशांति का राजनीतिक हल ढ़ूंढ़ने की मांग की। इसके बाद एक माह में राजनाथ सिंह कश्मीर का दूसरी बार दौरा करेंगे। सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकी कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद गत 9 जुलाई से कश्मीर घाटी में जारी हिंसा के दौरान कम से कम 66 लोग और दो पुलिस कर्मी मारे गए हैं।