नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरूण जेटली का कहना है कि सरकार एयर इंडिया को परिचालन से बाहर निकलने की योजना बना रही है। जेटली ने एक साक्षात्कार में कहा कि जेट एयरवेज, इंडिगो, गोएयर जैसी कई निजी विमानन कंपनियां हैं। अगर 86 फीसद विमानन बाजार निजी क्षेत्र संभाल सकता है तो वह 100 फीसद को भी चला सकता है।
बता दें कि राष्ट्रीय यात्री विमानन कंपनी एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 14 फीसदी है। हालांकि उस पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। जेटली का कहना है कि एयर इंडिया पर 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जबकि उसके विमानों का मूल्यांकन 20,000-25,000 करोड़ रुपये होगा। नागरिक विमानन मंत्रालय भी निजीकरण की सभी संभावनाएं तलाश रहा है।
साथ ही नागरिक विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने इससे पहले जानकारी दी थी कि एयर इंडिया के कर्जों को कम करने की और इसमें वित्तीय बदलाव के लिए बैलेंस शीट के पुर्नगठन की तत्काल जरूरत है। सिन्हा का उस वक्त कहना था कि एयर इंडिया में कॉरपोरेट प्रशासन और बेहतर प्रबंधन को लागू करने की भी जरूरत है। इसके अलावा यह भी देखा जाना चाहिए कि एयर इंडिया की गैर-महत्वपूर्ण संपत्तियों को किस तरह से बेहतर तरीके से इस्तेमाल में लाया जा सकता है।