नई दिल्ली। जैसा कि सभी जानते हैं आज कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन को 56वां दिन है। किसान अपनी मांगों के लेकर दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले हुए है। इसके साथ ही किसानों के बीच 9 दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन कोई भी समाधान नहीं निकला। जिसके चलते एक बार फिर बैठक करने के का फैसला लिया गया था। जिसके चलते आज फिर किसान संगठनों और सरकार के बीच 10वें दौर की वार्ता हो रही है। इस बैठक में किसान संगठनों द्वारा नए कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कहीं। लेकिन इस दौरान सरकार ने साफ कर दिया कि किसी भी हाल में नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा।
किसानों ने बैठक में ये मुद्दे उठाए-
बता दें कि कृषि कानून के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच दसवें दौर की वार्ता जारी है। विज्ञान भवन में ये बैठक हो रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल सरकार की ओर से बैठक में हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में अब MSP पर बातचीत शुरू हो गई है। इससे पहले किसान नेताओं ने NIA का मुद्दा उठाया। शिमला में जो किसान कल गिरफ्तार हुए हैं, उसका मुद्दा भी बैठक में उठाया गया। कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया है कि किसी निर्दोष के साथ गलत नहीं होग। लेकिन बैठक के बीच सरकार ने साफ कह दिया है कि नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा। पिछली 9 वार्ता असफल होने के कारण 10वें दौर की वार्ता को काफी अहम माना रहा है, लेकिन इसके भी सफल होने के चांस दिखाई दे रहे हैं।
ट्रैक्टर मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा-
इसके साथ ही किसानों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च निकालने का ऐलान किया है। जिसके चलते यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पहुंचा। जिसके चलते आज ट्रैक्टर मार्च को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि हम मामला लंबित नहीं रखेंगे। पुलिस तय करे, उसे अधिकार है।