Govardhan: श्री गिर्राज सेवा मित्र मंडल हाथरस द्वारा नव वर्ष की पूर्व संध्या पर अठहरवां दिव्य अलौकिक छप्पन भोग लगाकर श्री गिर्राज जी के साथ-साथ गौ माता की सेवा कर नववर्ष सभी के लिए मंगलमय हो। ऐसी मनोकामना पूर्ति के लिए भजन कीर्तन करते हुए राधाकुंड परिक्रमा करते हुए आज शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
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श्री गिर्राज सेवा मित्र मंडल के कर्णधार हाथरस नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी बकायदा गिर्राज जी का दुग्धाभिषेक करके गौ माता की सेवा कर 30 दिसम्बर को प्रात: आठ बजे श्री गिर्राज धाम निकट तीर्थ विकास ट्रस्ट पर अपने परम पूज्य आराध्य श्रीगिर्राज प्रभू का दुग्धाभिषेक करके गौ माता की सेवा कर कीर्तन करते हुए राधाकुंड परिक्रमा पूर्ण किया और शाम को श्री गिर्राज प्रभू जी की महा आरती करेंगे तथा रात्रि को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
आराध्य देव श्री गिर्राज प्रभू से मांगेंगे मंगलकामनाएं
31 दिसम्बर को प्रात: पुन दुग्धाभिषेक करते हुए भजन कीर्तन करते हुए बड़ी परिक्रमा पूर्ण करेंगे तदुउपरांत शाम को श्री दानघाटी मंदिर परिसर में भव्य और अलौकिक छप्पन भोग लगाकर अपने आराध्य देव श्री गिर्राज प्रभू से मंगलकामनाएं मांगेंगे कि जनपद से लेकर प्रदेश और प्रदेश से लेकर सम्पूर्ण भारत वर्ष में आने वाली वर्ष में कोई भी व्यक्ति दुखी न हो सभी सुखी और समृद्ध और खुशहाल जीवन व्यतीत करें। रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा और नव वर्ष मंगलमय हो इस आशा और विश्वास के साथ नव वर्ष का स्वागत किया जायेगा और श्री गिर्राज प्रभू के समक्ष दीपदान किया जायेगा।
हाथरस नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और श्री गिर्राज सेवा मित्र मंडल दल हाथरस के कर्णधार ने की अपील
नव वर्ष के प्रथम दिन यानी एक जनवरी को सुबह साधू संतो की सेवा और भंडारा आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर हाथरस नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष और श्री गिर्राज सेवा मित्र मंडल दल हाथरस के कर्णधार पंडित आशीष शर्मा यह अपील करना नहीं भूले कि कोरोना पुन पैर पसार रहा है इसलिए आगुंतक सभी श्री गिर्राज भक्त कोरोना से बचाव संबंधित सभी नियमों का पालन अवश्य करें।
श्री गिर्राज प्रभू के चरणों में मस्तक अर्पित
उक्त कार्यक्रम की जानकारी मीडिया को देते समय पंडित आशीष शर्मा से जब तक गया कि राजनीति से जुड़े व्यक्ति नव वर्ष पर अक्सर गोवा या अन्य जगहों पर जाते हैं और लेकिन आप प्रति वर्ष करते हैं ऐसा क्यों तो उन्होंने बहुत ही मार्मिक चित्रण करते हुए बताया कि एक तो वो ब्राह्मण कुल में जन्मे हैं ऊपर से परम पूज्य संत श्री गया प्रसाद जी महाराज की जन्म स्थली में भी जन्मे हैं और उनको पंडित जी से ही प्रेरणा प्राप्त हुई है कि अगर मोक्ष प्राप्त करना है तो श्री गिर्राज प्रभू के चरणों में मस्तक अर्पित कर दो श्री गिर्राज प्रभू सब भला करेंगे।
दूसरी तरफ अधिकांश ब्राह्मण पथ से भटक गए हैं। ब्राह्मणों का कार्य जगत को शिक्षा देना बताया गया है। ऐसे में अगर ब्राह्मण ही पथ से भटक कर पश्चात संस्कृति को बढ़ावा देगा, तो फिर धर्म और संस्कृति की रक्षा कौन करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वो मानते हैं कि कलयुग हावी हो रहा है, लेकिन पृथ्वी से अभी सत्य अभी मिटा नहीं है और पृथ्वी उसी सत्य सनातन संस्कृति पर टिकी हुई है। उक्त छप्पन भोग कार्यक्रम में करीब तीन सौ से अधिक परिवार शामिल होंगे।